17 फरवरी 2023/ फाल्गुन कृष्ण दवादिशि/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी
अजमेर में जन्मा, अभी शायद 7 साल का भी हुआ ही नहीं था कि उसे दिमाग में कैंसर हो गया जिसे दुनिया ब्रेन ट्यूमर के नाम से जानती है । नहीं हारी हिम्मत उस बालक ने, लड़ता रहा, पर मौत को कब तक दूर करते रहोगे। उसने खुशी-खुशी गले लगाया, एक धार्मिक स्वरूप को आलिंगन करते हुए और आज उसके इस कदम पर पूरा समाज नतमस्तक है। अजमेर में कैंसर से लड़ रहे 11 साल के एक लड़के ने गुरुवार रात संथारा ले लिया। माना जा रहा है कि इतनी कम उम्र में संथारा का यह पहला मामला है। खबर लगते ही लड़के के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। उनकी आंखें नम थीं। सभी ने उस मासूम के मोक्ष की प्रार्थना की।
भव्य चंगेरिया (11) बीते चार साल से ब्रेन ट्यूमर से जूझ रहे थे। गुरुवार को संथारा लेने से पहले भव्य ने अपनी मां से कहा- रोना मत, हंसकर विदा देना। दोपहर करीब 1.30 बजे संथारा लेने के बाद भव्य ने रात करीब 8.15 बजे प्राण त्याग दिए। शुक्रवार सुबह 9.30 बजे बजे उनके निवास से अंतिम यात्रा निकाली गई। जिसमें जैन समाज और दूसरे लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। भव्य का अंतिम संस्कार ऋषि घाटी, मुक्तिधाम में हुआ।
पिता की बुआ भी साध्वी- परिवार से जुड़े एडवोकेट सूर्य प्रकाश गांधी ने बताया कि परिवार की जैन धर्म में गहरी आस्था है, महावीर चंगेरिया की बुआ मनोहर कंवर भी साध्वी हैं। पूरे परिवार में जप, तप और धार्मिक संस्कारों का आचार विचार रहा है।
हमें हमारे बेटे पर गर्व है पिता महावीर चंगेरिया ने बताया कि भव्य उनका 11 साल का इकलौता बेटा था। 2019 में उसके सिर में ट्यूमर हो गया। परिवार ने अहमदाबाद सहित अन्य कई शहरों में उपचार करवाया मगर सफलता नहीं मिली। दादा नौरतमल, दादी ज्ञान कंवर, पिता महावीर तथा मां एकता ने भव्य के फैसले पर गर्व किया।