800 साल पुराना अतिशय क्षेत्र -24 तीर्थंकरों की टोंकों में से 14 टोंकों पर असामाजिक तत्वों ने की तोड़फोड़, जैन समाज में रोष

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सागवाड़ा। असामाजिक तत्वों ने नगर के आसपुर रोड़ पर स्थित जैन समाज के आस्था के केंद्र योगिंद्र गिरी अतिशय क्षेत्र में तोड़फोड़ की। बदमाशों ने सोमवार रात को योगिंद्रगिरी क्षेत्र में घुसकर वहां पर बने 24 तीर्थंकरों की टोंकों में से 14 टोंकों को नुकसान पहुंचाया है।

डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा नगर पालिका अंतर्गत जैन समाज के तीर्थ स्थल योगेंद्र गिरी सागवाड़ा में अज्ञात बदमाशों द्वारा तोड़फोड़ करने का मामला सामने आया है प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सवेरे जैसे ही पुजारी पूजा अर्चना करने के लिए जैसे ही मंदिर के अंदर पहुंचा तो उसने देखा टोंकों के गुंबद और कुछ भाग टूटे हुए पाए गए इस बात की सूचना उसने जैन समाज की कमेटी को दी जिस पर कमेटी के सदस्य मौके पर पहुंचे और उन्होंने तत्काल प्रशासन को सूचित किया प्रशासनिक अधिकारी उपखंड अधिकारी राजीव द्विवेदी तहसीलदार डॉ मयुर शर्मा नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र खोडनिया तहसील सागवाड़ा गिरदावर मुकेश भोई पुलिस बल के साथ मय जाब्ते मौके पर पहुंचे जहां पर उन्होंने मौका मुआयना किया और इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी पुलिस ने जनता से छानबीन के द्वारा प्रारंभ कर ली है

टोंकों के बेशकीमती मार्बल से बने गुम्बज, स्तंभ के साथ ही फर्श पर लगे मार्बल के चौके तोड़ दिए। इससे जैन समाज में रोष व्याप्त है। जैन समाज के सेठ महेश कुमार नोगमिया ने बताया कि मंगलवार को सुबह में पूजा अर्चना के लिए पहुंचे मंदिर के पुजारी ने मंदिर की टोंकों को क्षतिग्रस्त देखकर इसकी सूचना समाजजनों को दी। पालिका अध्यक्ष नरेंद्र खोड़निया, पवन कुमार गोवाड़िया, नरेंद्र शाह, राजमल जैन, अश्विन बोबड़ा, चंद्रशेखर संघवी समेत ट्रस्टी और समाजजनों ने योगिंद्र गिरी पर पहुंचकर जानकारी ली।

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम राजीव द्विवेदी और डीएसपी भोमाराम ने भी अतिशय क्षेत्र पहुंचकर जानकारी ली। समाजजनों ने पुलिस को रिपोर्ट दी और कानूनी कार्रवाई कर दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की। योगेंद्रगिरी अतिशय क्षेत्र के अध्यक्ष दिनेश खोड़निया ने बताया कि यह तीर्थ क्षेत्र करीब 800 साल पुराना है। जिसका विकास 23 साल पहले 1998 में पट्टाधीश योगेंद्र सागरजी महाराज की प्रेरणा से किया गया । पुलिस के अनुसार योगिंद्र गिरी अतिशय क्षेत्र में भगवान की टोंकों को क्षतिग्रस्त करने वालों ने दान पेटी या अन्य चढ़ावे की चीजों को नहीं छेड़ा गया है।