28 सितम्बर 2022/ अश्विन शुक्ल तृतीया /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी Exclusive
श्री कृष्ण जी के यादव कुल में जन्म, फिर बचपन से 22 वा सावन आ गया। इकलौता वारिस करोड़ों की संपत्ति का, कोरियोग्राफर, राजनीति में भी चहल-पहल, जमीदारी , बहुत बड़ी विरासत, पर अचानक ब्रह्म मुहूर्त में आए 2017 के उस सपने ने पूरी जिंदगी बदल दी ।
पूर्व भव के संस्मरण ने यह क्या दिखा दिया कि एक नग्न साधू सपने में आते हैं और क्या कुछ कहते हैं । समझ से बाहर है । वह तब तो नग्न और दिगंबर का भेद भी नहीं जानता । उसे सारे साधु नागा लगते थे। कुछ समझ नहीं पाया। माताजी ने भी कुछ नहीं बताया । सिलसिला चलता रहा और यह सपना मस्तक पर चिर अंकित हो गया। बार-बार चोट करता रहा और फिर
एक बार हरिद्वार गए गंगा में डुबकी लगाने अपने सारे पाप धोने। पानी में डुबकी लगाई, पर जैसे कुछ देर स्मरण शक्ति में अलग किरण सी नजर आई पानी के अंदर ही भंवर का भ्रमण सैलाब बन गया। नए जीवन से पूर्व का गठजोड़ अंकित हो गया। मैं पिछले भव में क्या था , यह अब सपने से हकीकत में दीदार हो गया । सारे भाव बदल गए, मन बदल गया ।
श्वेतांबर दिगंबर मंदिरों की पहचान और पुरानी सी लगने लगी, और पिछले भव की शुरुआत अब नए से जुड़ने लगी । हां , रविंद्र प्रताप सिंह यादव, भिंड जिले के, मौ गांव में ही जन्मा था। पर अब कुछ बदला बदला सा था । घर आया , तो सब हैरान हो गए । यह कैसे यादव वंश से किधर भटक रहा है । एकलौती संतान और करोड़ों का बारिस किधर जा रहा है। उसे रोकना होगा।
पिता ने गोली से मारने की धमकी दे डाली कुएं में धक्का दे दिया , पर कहते हैं ना, जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय। धधकते अंगारे हाथों पर रख दिए कि वापस आ जा, नहीं तो तेरे हाथ जल जाएंगे। पर गजब की बात है , अंगारे ठंडे हो गए, पर हाथ नीचे नहीं हुए। बालाजी ले गए, ऊपरी हवा का निराकरण करने, पर निराकरण करने वाले पुजारी ही चंपत हो गए।
क्या गजब की बात थी , ऐसा क्या हुआ जो अब बदल गया था यादव वंशी । जैन कुल में समा गया था। आचार्य ने अब उसको रास्ता दिखाया। कहते हैं जमीन से कुंदन को तपा कर निकाला। बदल गया उसका रूप। क्या से क्या बन गया। खुद तो जैन कुल में आया ही, हजारों को लाने के लिए, अब इस रास्ते पर चल दिया ।
अनोखी दास्तान है यह, गजब की बात है, पूर्व भव का संस्मरण, जैसे अब कोई नई बात नहीं। बस इसी तरह की रोचक जानकारी लेकर आया है, चैनल महालक्ष्मी आपके पास, आज 28 सितंबर , रात 8:00 बजे करेंगे सीधी बात।
जो आपने कभी सोचा नहीं था, वह हो गया। अकल्पनीय, अविश्वसनीय , आंखों से आज देखेंगे, जो सोच नहीं पाते, उससे करेंगे दीदार। यही तो है पूर्व भव से वर्तमान का प्यार। अभी तक सुना था, पहली बार देखेंगे, हम और आप। मिलकर साथ आज रात्रि 8:00 बजे आपके साथ।