4अप्रैल 2022//चैत्र शुक्ल तृतीया /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
1. दस रू किलो टमाटर लेकर ताजा चटनी खा सकते हैं, मगर हम डेढ़ सौ रू किलो टमाटो साँस खाते हैं वो भी एक दो माह पहले बनी हुई बासी, कई प्रकार के केमिकल डला हुआ ।
2. पहले हम एक दिन पुराना घड़े का पानी नहीं पीते थे, घर में रोज सुबह घड़े का पानी बदलते थे, अब तीन माह पुराना बोतल का पानी बीस रू लीटर खरीद कर पी रहे हैं, केमिकल डला हुआ ।
3. पचास रू लीटर का दूध हमे महंगा लगता हैं और सत्तर रू लीटर का दो महीने पहले बना हुआ कोल्ड ड्रिंक हम पी लेते हैं।इसमें पूरा का पूरा केमिकल डला हुआ ।
4. दो सौ रू पाव मिलने वाला शरीर को ताकत देने वाला ड्राई फ्रुट हमें महंगा लगता है मगर 200 रू. का मैदे से बना पीज्जा शान से खा रहे हैं, इसमे बहुत सारे केमिकल डला हुआ ।
5. अपनी रसोई का सुबह का खाना हम शाम को खाना पसंद नहीं करते जब कि कंपनियों के छह छह माह पुराने सामान हम खा रहे हैं जबकि हम जानते है कि खाने को सुरक्षित रखने के लिए उसमें प्रिजर्वेटिव मिलाया जाता है।
6. विगत कई माह के लाँकडाऊन में सबको संभवतः समझ आ गया होगा कि बाहर के खाने के बिना भी हमारा जीवन चल सकता हैं बल्कि बेहतर चल सकता है।
सोचने योग्य एवं गंभीर विचारणीय विषय है, क्या कारण है कि 22-23 साल के युवा को हार्ट अटैक आ रहा है। हार्ट फेल हो रहा है । किडनी खराब हो रही है । लिवर फेल हो रहे है ।
कही यही सब तो कारण नहीं बन रहे है ।