सान्ध्य महालक्ष्मी
एकता में बड़ी ताक़त होती हैं। वक्फ बोर्ड हारा,अनूप मण्डल भी हारेगा ! संतों के मार्गदर्शन,श्रावकों के संयुक्त प्रयास से जैन मंदिर की भूमि वक्फ बोर्ड को देने का फैसला कर्नाटक सरकार ने किया खारिज। निरंतर आंदोलन व प्रयत्नों से व सरकार पर दबाव बनाने के बाद सरकार ने मंदिर पर जैन समाज का हक मानते हुए, कोड़वुरु, जिल्ला उडूपी, कर्नाटक जैन मंदिर को वक्फ बोर्ड द्वारा कब्जा किए हुए मंडिर का गजट नोटिफिकेशन को कर्नाटक सरकार ने रद्द कर दिया है।
ह आचार्य देवनंदी जी, आचार्य विमल सागरसुरेश्वरजी, उपाध्याय प्रवीण ऋषिजी, नयन पद्मसागर जी म.सा. एवं मुनि श्री प्रज्ञासागर जी, श्रवण बेलगोला के भट्टारकजी स्वामी श्री चारू कीर्ति जी महाराज व मूडबद्री के भट्टारकजी श्री चारुकीर्ति जी महाराज के संयुक्त तत्वावधान में जो जोरदार आंदोलन हुआ था उसके फल स्वरूप सरकार को झुकना पड़ा। –
21 अप्रैल को चैनल महालक्मी ने एपिसोड के माध्यम से सूचित किया था कि एक और इतिहासिक जैन मंदिर को कर्नाटक के कोड़वुरु गांव, (जिल्ला उड़पी) में जैन मंदिर को राजस्व विभाग(Revenueडिपार्टमेंट) ने वक्फ बोर्ड को दे दिया है, और इस इतिहासिक जैन मंदिर अब वक्फ बोर्ड प्रॉपर्टी बन गयी है.
आप सभी पहिला वक्फ बोर्ड प्रॉपर्टी एक्ट 1995 के बारेमे जान लेना चाहिए, सेक्शन 85 वक्फ बोर्ड प्रॉपर्टी एक्ट, 1995 के अंदर अगर कोई वक्फ बोर्ड किसी भी जगह अपना हक्क बताता है तो ओ वक्फ बोर्ड प्रॉपर्टी बनेगी और इसके खिलाफ आप सिविल कोर्ट को नाही जा सकते है, अपील सिर्फ वक्फ ट्रिब्यूनल के यहाँ करना पड़ेगा, और वक्फ ट्रिब्यूनल का आदेश अंतिम आदेश होगा और आप इसके खिलाफ किसी भी कोर्ट को नही जा सकते है और आपका प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड प्रॉपर्टी हो जाएगा.सोया हुवा समाज और वोट बैंक के केलिए अपना मातृ भूमि को ही दाँव लगाने वाली सरकार, कैसा बचा पाओगे अपनी संस्कृती,अपना वरसा, अपनी धरोवर, कब जागेगा जैन समाज, और क्या क्या खोना, देखना बचा है.
अपनी संस्कृति, अपनी धरोवर, अपनी विरासत को हम नाही बचा पाएंगे तो कौन बचाएगा? पिछपे एक हज़ार साल में जैन समाज को 50 हज़ार से भी ज्यादा मंदिर अपनी ही देश में, अपने ही जगह पे हमने गवा दिए है. दूसरे तरफ देखो बहार से आये हुवे मुसलमान साडे तीन लाख मस्जिद पिछले हज़ार साल में खड़ा करदिये.मुट्ठीभर के इसरियल यहूदी को देखो, जितना जैन समाज है लगभग उतना ही यहूदी समाज बचा है, फिर भी देखो इसरियल अपना हुकुम कैसा चलता है, किसी भी मुस्लिम देश और उनके अंतकावादीयोंकी इतनी हिम्मत नही है जो इसरियल के तरफ आंख उठाके देखे ले . इतना डर पैदा कर दिया इसरियल देश ने.