समय बचायें अधिक, समय का दुरुपयोग करें कम, प्रशंसा करें दूसरों की अधिक, स्वयं की कम, भलाई करें अधिक, बुराई न करें- – आचार्य रत्न विशुद्धसागर जी

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अपनी आय में से कुछ धन अपने जीवन जीने में व्यय करें, कुछ परिवार एवं माता – पिता, परिजनों पर व्यय करें , कुछ परोपकार में दान करें और कुछ भविष्य के लिए सुरक्षित रखें । यह जीवन जीने का मुख्य सूत्र बना लें ।

आय अधिक, व्यय कम । यह सूत्र आपको उपयोगी एवं आनंद दायक सिद्ध होगा।

कैसे ? आप दूसरों की सुनें अधिक, बोलें बहुत कम । दूसरों से सलाह लें , पर दें बहुत कम । कमाई अधिक करें , पर खर्च बहुत कम । कार्य खूब करें , पर सोचें बहुत कम ।

चिंतन परिपूर्ण करें , पर चिंता बहुत कम । समय बचायें अधिक , समय का दुरुपयोग करें कम । प्रशंसा करें दूसरों की अधिक , स्वयं की कम । भलाई करें अधिक , बुराई न करें । सहयोग करें , पर चाहें कम

– आचार्य रत्न विशुद्धसागर जी महाराज