संतान को मारो मत, जन्म दो-आज की संतान ही भारत का भाग्य बनेगी- संतान से ही देश-राष्ट्र, समाज एवं धर्म की रक्षा संभव है- आचार्य विशुद्ध सागर जी

0
767

9 मार्च/फाल्गुन शुक्ल सप्तमी, /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
तीर्थंकर बालक महावीर का हुआ जन्म, झूम उठी कुण्डलपुर नगरी (नालंदा), कुबेर की रत्न बरसा पाने उमड़ पड़े भक्त● पाण्डुकशिला पर श्रद्धालुओं ने किया 1008 कलशों से महामस्तकाभिषेक।
● सांसद कौशलेंद्र कुमार ने लिया आचार्य ससंघ से आशीर्वाद।

नालंदा (बिहार): भगवान महावीर स्वामी की जन्मभूमि कुण्डलपुर तीर्थ पर आयोजित पंच दिवसीय श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव में दूसरे दिन तीर्थंकर बालक का जन्म कल्याणक महोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी, क्षमामूर्ति आचार्य श्री विशद सागर जी, आर्यिका विशा श्री माता जी, मुनि ज्ञान भूषण सागर जी महाराज समेत 40 पिच्छी चतुर्विध ससंघ जैन संतों के सानिध्य धूमधाम से आयोजित किया जा रहा है।
कुण्डलपुर प्रतिष्ठा महोत्सव की रौनक देखते बन रही है। जहां इतने बड़े आचार्य, मुनि महाराज, श्रावकों की होड़ लगी है। इस दौरान श्रद्धा, भक्ति के मेला का साक्षी बनने देश-विदेश से सैंकड़ो की संख्या में जैन तीर्थयात्री शामिल हो रहे है।

संतान को मारो मत, जन्म दो – आचार्य विशुद्ध सागर जी
इस अवसर पर पूज्य गुरुदेव की मंगलमय दिव्य देशना सुनने हज़ारो की संख्या में नगर वासी उमड़ रहे है। आचार्य महाराज ने प्रवचन में कहा कि व्यक्ति जन्म से नही कर्म से महान बनता है। माँ के गर्भ में जब संतान आती है। तो माँ प्रसन्नता से पूर्ण होती है। संतान को मारो मत, जन्म दो। आज की संतान ही भारत का भाग्य बनेगी। सनातन धर्म को संतान ही सुरक्षित करेगी। संतान वही श्रेष्ठ है जो संस्कार वान हो। संतान नही होगी तो धर्म भी नही बचेगा। संतान से ही देश-राष्ट्र, समाज एवं धर्म की रक्षा संभव है।

रथयात्रा में खूब झूमें इंद्र-इंद्राणी, प्रभु के जन्मोत्सव पर बांटी गई मिठाईयां।
बुधवार को पूजा पंडाल में प्रातः जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक, शांतिधारा एवं नित्य पूजन पाठ सहित मांगलिक क्रियाएं मंत्रोच्चारण पूर्वक की गई। धार्मिक अनुष्ठान को पूरे विधि विधान के साथ प्रतिष्ठाचार्यों के निर्देशन में सानंद सम्पन्न कराया जा रहा है।
आज सुबह भव्य पंचकल्याणक मंच से माता त्रिशला की गर्भ से बालक वर्द्धमान के जन्म की घोषणा की। पूरा पंडाल भगवान महावीर के जयकारों से गूँज उठा। वहीं 10 मार्च गुरुवार को जैन मुनियों के द्वारा भगवान के दीक्षा कल्याणक की क्रियाएं सम्पन्न की जाएगी। इसके पश्चात पाषाण से परमात्मा बनने की विधि पूर्ण होगी।

बता दें कि इस महामहोत्सव को लेकर कुण्डलपुर प्राचीन दिगम्बर जैन तीर्थ मंदिर की प्रांगण दुल्हन की तरह सजाया गया है। जिसकी रंग-बिरंगी रौशनी से पूरा कुण्डलपुर नगरी जगमग हो उठा है। नगर में एक उत्सवी माहौल बना हुआ है। वहीं संध्या में पूजा पंडाल में भक्ति, नृत्य, तीर्थंकर कल्याणक नाटक की प्रस्तुति बाहर से आये कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जा रही है। संध्या होते ही कार्यक्रम देखने मंच पंडाल पूरे परिसर में भीड़ उमड़ पड़ती है।
– प्रवीण जैन (पटना) M 7654062882