महापुरुष विषमताओं के काले बादल, धैर्य की हवा से हटाकर अलग कर देते हैं -आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज

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विपत्ति के काल में भी धैर्य नहीं छोड़ना चाहिए, जो विपत्ति के काल में धैर्य छोड़ देता है उसे विपत्तियाँ महाकष्ट देती हैं और जो धीर पुरुष विपत्ति काल में धैर्य नहीं छोड़ते उन्हें विपत्तियाँ स्वतः छोड़कर चली जाती हैं ।

धीर पुरुष के सामने अनेक बार विषमताओं के काले बादल आते हैं, परन्तु वे महापुरुष धैर्य की हवा से उन्हें हटाकर अलग कर देते हैं , कष्टों के श्याम बादल भी धैर्यशील का कुछ नहीं कर पाते

-आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज