लगातार 84 दिवसीय एकावली व्रत उपवास की साधना , 25 टोंको में हर एक कूट की लगातार 1008–1008 परिक्रमा- 72 घंटे तक कठोर कायक्लेश खड़गासन तप की साधना

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1 सितम्बर 2022/ भाद्रपद शुक्ल पंचमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
तीर्थराज श्री सम्मेद शिखरजी में सर्वाधिक 250 विधानों के रचयिता आचार्य गुरुवर श्री विशद सागर जी व सिंह निष्क्रीडित व्रत के 496 उपवास व 61 पारणाए करने वाले महा तपस्वी अंतर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद से संघस्थ मुनि श्री विशाल सागर जी महाराज 6 जुलाई से लगातार 84 दिवसीय एकावली व्रत उपवास की साधना कर रहे हैं अभी 48 घंटे निर्जल उपवास के बाद मात्र 3 अंजुली खीर व पानी आहार में लेकर उत्कृष्ट उनोदर तप उपवास की साधना में लीन है |

मुनि श्री विशाल सागर जी ने पहाड़ की 25 टोंको में हर एक कूट की लगातार 1008–1008 परिक्रमा लगाकर सम्मेद शिखर के इतिहास में एक नया दुर्लभ कीर्तिमान स्थापित किया, 26 से 29 अगस्त के मध्य गौतम गणधर स्वामी की टोंक में लगातार 72 घंटे तक साधनारत रहे कठोर कायक्लेश खड़गासन तप की साधना की 72 घंटे तक रात दिन जागकर जप तप ध्यान साधना में लीन रहे|

84 दिन की व्रत उपवास साधना के दौरान ही 55 किलोमीटर के पहाड़ की एक परिक्रमा एवं सम्मेद शिखर पर्वत की 60 वंदना भी कर चुके हैं मुनि श्री की तपस्या भरी साधना को शत–शत नमन |
हिमांशु जैन , 8269894417