विरागोदय तीर्थ मे बना देश का अद्वितीय जैन मंदिर : 27 – 27 फीट की खडगासन 3 प्रतिमाएं एक ही पत्थर को तरासकर बनाई गई : 171 फीट ऊंचाई का होगा यह कमल आकार का मंदिर

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06 फरवरी 2023/ फाल्गुन कृष्ण एकम /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ पथरिया /राजेश रागी / रत्नेश जैन बकस्वाहा
बुंदेलखण्ड के आदर्श रत्न, भारत गौरव राष्ट्रसंत गणाचार्य श्री 108 विरागसागर जी महामुनिराज की जन्मभूमि पथरिया की धर्मधरा पथरिया-दमोह सड़क मार्ग पर विरागोदय तीर्थ धर्मधाम का निर्माण किया गया है।जहां पर मध्यप्रदेश ही नहीं भारत देश का यह पहला और अनूठा तीर्थ बनेगा ।इस तीर्थ पर देश का अद्वितीय कमल आकार का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो चुका है, जिसकी जमीन से शिखर की ऊंचाई 171 फीट की होगी, जिसमें 51 फीट ऊंची वेदी पर 31 फीट की तीर्थंकर भगवान धर्मनाथ की खडगासन प्रतिमा मूलनायक के रूप में स्थापित की गई है, इस मूलनायक प्रतिमा के दाएं और बाएं ओर 27 – 27 फीट की खडगासन भगवान आदिनाथ एवं महावीर स्वामी की प्रतिमाएं स्थापित की गई है, इनकी खासियत यह है कि यह तीनों प्रतिमाएं एक ही पत्थर को तरासकर बनाई गई है । इस भव्य मंदिर में 31 फीट ऊंचे दो कमल मंदिर , 21 फीट ऊंचे दो कलश मंदिर , 23 आकृतियों में पार्श्वनाथ भगवान एवं 30 चौबीसी की 720 रत्नमयी अद्भुत प्रतिमाएं विराजमान होगी।

इस तरह जमीन से मूर्तियों तक की ऊंचाई 81 फीट होगी। मंदिर बनने के बाद यह ऊपर से कमल के फूल जैसा नजर आएगा। जिसमें पद्मासन मुद्रा में त्रिकाल चौबीसी विराजमान होगी। इसके अलावा कमल की पत्तियों में तीर्थंकर भगवान की मूर्तियां विराजमान की जाएंगी। त्रिकाल चौबीसी की विशेषता यह है कि इसमें विराजमान होने वाली प्रत्येक तीर्थंकर की प्रतिमा अपने मूल रंग में रहेगी। इस प्रकार सभी 24 प्रतिमाओं का रंग अलग-अलग होगा। कुछ प्रतिमाओं का निर्माण हो चुका है। तीर्थधाम का निर्माण राष्ट्रसंत गणाचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के आशीर्वाद से अखिल भारतीय जैन समाज द्वारा कराया जा रहा है।

मंदिर के पीछे एक भोजनशाला बन चुकी है जिसमें एक साथ 1 हजार से अधिक लोग भोजन कर सकते हैं। अटैच एसी कमरे सहित धर्मशाला का निर्माण भी हो चुका है। एक पुस्तकालय वाचनालय बनाया गया है, जहां 5 हजार से अधिक जैन ग्रंथ रखे विराजमान किये गए हैं। अभी तक संत भवन , औषधालय, उद्यान एवं बाउंड्रीवाल, यात्री कैंटीन, 5000 श्रावकों की क्षमता वाला प्रवचन हाल एवं आकर्षक प्रवेश द्वार की सुविधाएं उपलब्ध हो चुकी हैं । आगामी योजनाओं में मानस्तंभ ,समवशरण, नंदीश्वरद्वीप ,ध्यान केंद्र, गुरुकुल, वृद्धाश्रम, हॉस्पिटल, गौशाला आदि अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं यहां पर संचालित की जावेगी।