16 जून 2022/ आषाढ़ कृष्ण दोज़ /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
उपाध्याय श्री गुप्ति सागर जी मुनिराज के कार्यक्रमों में जो भी गए होंगे, उन्होंने उनके प्रवचन से पहले ज्ञान की गंगा बरसाते हुए जिन ब्रह्मचारिणी को देखा होगा, आज वह हमारे बीच में नहीं है।
संत शिरोमणि आचार्य प्रवर श्री 108 विद्या सागरजी गुरुदेव की प्रथम शिष्या सिद्धांत रत्न ब्रह्मचारिणी सुमन शास्त्री का 12 जून, 2022 की भोर में प्रात: 5:50 पर उपाध्याय श्री गुप्ति सागर जी मुनिराज के श्रीमुख से णमोकार मंत्र सुनते हुए समाधिपूर्वक देवलोक गमन हो गया। ब्रह्मचारिणी रंजना शास्त्री जी उनकी परिचर्या में अहर्निश तत्पर थी और उन्हें हरपल जागरूक रखा, उन्होंने 11 जून की संध्या में उपाध्याय श्री के सान्निध्य में चारों प्रकार के आहार का होश-हवास में त्याग कर दिया था। अंतिम संस्कार निगम बोध घाट जमना बाजार दिल्ली में किया गया। श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कम्यूनिटी सेंटर, निर्माण विहार दिल्ली में रविवार 19 जून 2022 को प्रात: 9.30 बजे रखा गया है।
उल्लेखनीय है निर्माण विहार में पंचकल्याणक का आयोजन 07 से 11 जून तक किया गया और प्रतिदिन व्हीलचेयर पर दर्शनों के लिये आई और पंचकल्याणक पूर्ण होने पर ही उन्होंने प्राण त्यागे। अंत समय में पंचकल्याणक और श्री गुप्तिधाम गन्नौर में प्रतिष्ठापना के लिये स्वर्ण प्रतिमा के पंचकल्याणक की उनकी इच्छा की पूर्ति हुई।