जिनके मोक्ष स्थली धरा की मिट्टी आज भी लोग घर घर ले जाते हैं, उनका आ रहा मोक्ष कल्याणक

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10 जून 2022/ आषाढ़ कृष्ण सप्तमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
11 जून, दिन आषाढ़ कृष्ण अष्टमी । हां यह वही दिन था, जब हमारे 13वे तीर्थंकर, श्री विमलनाथ जी, आयु कर्म का नाश कर , श्री सम्मेद शिखर जी की सुवीर कूट से 600 महामुनिराजों के साथ, प्रदोष काल, यानी अपराह्न काल में , एक समय के अंदर , सिद्धालय चले गए । 1 माह के भोग निवृत्ति काल के बाद , इस कूट की निर्मल भावों से वंदना करने से, एक करोड़ प्रोषध उपवास का फल मिलता है ।

इसी सुवीर कूट से 60 करोड़ 70 लाख 740 महामुनिराज भी मोक्ष गए हैं। चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देता है । अपने निकट के मंदिर में जाइए और लाडू चडाइए। इस सुवीर कोट और प्रभास कूट के बीच , जब आप वंदना करते हैं , तो आप देखते हैं कि जगह जगह मिट्टी उकेरी गई है ।

जी हां, आज भी लोग इस मिट्टी को इतना पावन मानते हैं कि निर्माण कार्यों में इसको लगाते हैं। कहा जाता है कि यह पावन मिट्टी निर्माण में लगाने से , उस स्थान पर शांति की अनुभूति देती है । बोलिए 13 वे तीर्थंकर श्री विमलनाथ जी के मोक्ष कल्याणक की जय जय जय।