शतार स्वर्ग में आयु पूर्ण कर ज्येष्ठ कृष्ण दशमी (जो 4 जून को है) को कम्पिल्य नगर के महाराज श्री कृतवर्मा जी की महारानी श्रीमती जयश्यामा जी के गर्भ में पहुंचे 13वें तीर्थंकर श्री विमलनाथ जी के जीव, पर उनके आने के 6 माह पूर्व ही सौधर्मेन्द्र की आज्ञा से कुबेर ने महल पर दिन के तीनों पहर साढ़े तीन करोड़ रत्नों की वर्षा शुर कर दी थी।
आपकी आयु 60 लाख वर्ष और कद 360 फुट था।