तीर्थंकर वासुपूज्य भगवान के 30 सागर बाद, इस धरा पर आए तीर्थंकर श्री विमलनाथ जी

0
719

24 मई 2022/ जयेष्ठ कृष्णा नवमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
12वीं तीर्थंकर श्री वासुपूज्य भगवान जी के 30 सागर बाद, शतार स्वर्ग से अपनी आयु पूर्ण कर , तीर्थंकर विमलनाथ जी का जीव कंपिला नगरी के महाराजा, श्री कृतवर्मा की महारानी श्रीमती जय श्यामा जी के गर्भ में जेष्ठ कृष्ण दशमी को आया, जो इस वर्ष 25 मई को है। उनके गर्भ में आने से 6 माह पूर्व ही सौधर्म इंद्र की आज्ञा से , कुबेर ने राज महल पर तीनों पहरोंं में करोड़ों रत्नों की बरसात शुरु कर दी थी, जो उनके जन्म तक चली। इन 15 माह में 48,250 करोड़ रत्नों की वर्षा हुई।

आपकी आयु साठ लाख वर्ष थी और कद साठ धनुष ऊंचा, तपे सोने के समान आपका रंग था । बोलिए 13 वे तीर्थंकर श्री विमलनाथ जी के, गर्भ कल्याणक की जय जय जय।