धर्म नगरी इन्दौर मध्य प्रदेश में जैन श्रावकों द्वारा परम पूज्य जैनाचार्य श्री 108 विमद सागर जी मुनिराज की हत्या |
सभी धर्म प्रेमी बंधुओं को सूचित करते हुए महान खेद हो रहा है कि धर्म नगरी इन्दौर की नन्दा नगर कालौनी में दिनाँक 30.10.2021 दिन शनिवार को दोपहर में परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री108 विमद सागर जी मुनिराज की गला दवाकर हत्या करने के बाद शव को फाँसी के फन्दे पर लटका कर आत्म हत्या में परिवर्तित कर दिया है|
अब जागने का समय आ गया है| अब एकता, एकजुट होने का समय आ गया है| अगर त्यागी वृती और श्रावकों एकजुट होकर कंधे से कंधा मिलाकर अभी भी नहीं चले तो वो समय दूर नहीं है| कि जैन साधुओं के दर्शन दुर्लभ हो जायेंगे| साधु समाधि लेता है आत्म हत्या नहीं करता है| साधुओं को इतना ज्ञान होता है| कि गलत कदम उठाने पर यह जीव कहां जाता है| साधु खुद तो धर्म के मार्ग पर चलते हैं और भटके हुऐ, श्रावकों को धर्म के मार्ग पर लगाते हैं| तो परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री 108 विमद सागर जी मुनिराज आत्म हत्या कैसे कर सकते हैं| जब कि परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री 108 विमद सागर जी मुनिराज महा ज्ञानी थे| आचार्य श्री ने कई शास्त्रों पर टीकाऐं लिखी हैं| जो श्रावकों को हँसने पर मजबूर किया करती है| ऐसे आचार्य श्री की हत्या हो सकती है| आचार्य श्री आत्म हत्या नहीं कर सकते हैं|
आत्म हत्या वाली बात मेरे क्या किसी भी त्यागी वृती या श्रावकों को भी विश्वास नहीं हो रहा है| कि आचार्य श्री आत्म हत्या नहीं कर सकते हत्या हूई है| आत्म हत्या तो आचार्य श्री ही क्या कोई भी जैन साधु या त्यागी वृती नहीं कर सकता हैं| नन्दा नगर कालौनी एवं इन्दौर नगर की जैन समाज एवं जैन समाज के ठेकेदारों से कुछ प्रश्नों के उत्तर हम सभी को चाहिए| अगर जैन समाज और जैन समाज के ठेकेदार प्रश्नों के उत्तर नहीं देते हैं| तो आचार्य श्री की हत्या जैन समाज और ठेकेदारों ने ही की है| जैन समाज द्वारा यह छटमी घटना है| इसी तरह घटनाऐं होती रही तो धर्म पतन की ओर चला जायेगा| और समाज में से ऐसे ठेकेदारों का बहिष्कार होना चाहिए| ऐसे ठेकेदार जैन समाज में कलंक हैं|
प्रश्न
1- आचार्य श्री का हाथ ऊपर नहीं उठता था|
2- आचार्य श्री का बचपन में हाथ टूट गया था|
3- आचार्य श्री के कमरे में रस्सी लेकर कौन आया था|
4- आचार्य श्री के कमरे में स्टूल कौन लेकर आया था|
5- आचार्य श्री का एक हाथ टूटा था| 6- तो आचार्य श्री ने एक हाथ से फंदा कैसे लगाया था|
7- आचार्य श्री 18 बर्षों से 48 घंटे में एक बार आहार लेते थे|
8- पंखे की ऊँचाई करीब 12 फीट है|
9- आचार्य श्री के मुँह में कपडा किसने ठूँसा था|
10- आचार्य श्री का पोस्टमार्टम समाज के ठेकेदार क्यों नहीं कराना चाहते थे|
11- आचार्य श्री की हत्या में सामिल श्रावकों और ठेकेदारों को सजा जैनागम द्वारा होनी चाहिए|
12- आचार्य श्री ने घटना से कुछ समय पहले पिच्छिका क्यों तैयार की
13- अगर इस हत्या का खुलाशा इन्दौर पुलिस ने अति शीघ्र नहीं किया तो मध्य प्रदेश की सरकार को रिपोर्ट आँनलाइन भेजी जायेगी|
14- अगर राज्य सरकार ने हत्या का खुलाशा नहीं किया तो केन्द्र सरकार राष्ट्रपति , प्रधान मंत्री को भी हत्या की निष्पक्ष जाँच कराने के लिए आँनलाइन रिपोर्ट भेजी जायेगी|
15- आचार्य श्री के हत्यारों की जब तक गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक संघर्ष जारी रहेगा|
16 – सभी इस मेसिज को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें| जो जैन होगा,मुनि भक्त होगा|वह शेयर अवश्य करेगा अन्य था नहीं करेगा|
प्रश्नकर्ता
राष्ट्र गौरव, राष्ट्र गुरू, वात्सल्य मूर्ति, क्षमा के सागर, निर्भीक, स्पष्ट प्रवक्ता, अतिशय क्षेत्र देहरा तिजारा के प्रथम दीक्षित , द्वितीय पट्टाचार्य विभक्त सागर जी मुनिराज