अब गिरगिट की तरह रंग बदला, धारा 307 का डर लगने लगा ,पहले कहा सैंकड़ों जगह प्रभावना,अब बोले सैंकड़ों जगह से हटाया

0
1666

7 दिनों के अंदर अब वह कलई खुलने लगी है और दोषी अब अलग-अलग रूप में सच को दबाने के लिए, उल्टी-सीधी सोशल मीडिया पोस्टों का सहारा लेने लगे हैं ।आज आपको वे तीन पोस्ट दिखाते हैं , जिनमें आप देख सकते हैं कि पहले प्रभावना कहने वाले , अब संत को बदनाम करने में लगे हैं। कल तक उनका गुणगान करते थे , अब जब बेनकाब होने लगे , तो उन्होंने अपना गिरगिट की तरह रंग बदलना शुरू कर दिया । सबसे पहले यह पोस्ट पढ़िए, जिसमें वे उनका गुणगान , उनकी प्रभावना करते नहीं थकते हैं ।

आचार्य श्री विमद सागर जी का महाराज इंदौर प्रवास एवम अत्यंत दुःखद घटना
सम्मानीय मुनिभक्त समाज
सादर जय जिनेन्द्र
श्रमणाचार्य श्री विमद सागर जी महाराज जी ससंघ का 2फरवरी को खातीवाला टैंक में कोरोना काल के चलते हुए मंगल प्रवेश हुआ ,यहाँ आचार्य श्री के पावन सानिध्य में बहुत ही महती धर्म प्रभावना हुई फिर यहाँ से छावनी समाज द्वारा निवेदन करने पर संघ का अल्पकालिक प्रवास रहा वहा पर भी महती धर्म प्रभावना हुई फिर गोमटगिरी में वार्षिक महामस्तकाभिषेक में आचार्य श्री का सानिध्य एवम आशीर्वाद भी कोरोना काल मे ही प्राप्त हुआ वहाँ से आचार्य श्री मात्र 6 दिनों के अल्प प्रवास के लिए गुमास्ता नगर आये पर यहाँ आने के बाद करोना कि महामारी की दूसरी लहर बहुत तेजी से फेल गई और लॉक डाउन की स्थिति बनी जिसे गुमास्ता नगर के समाज पदाधिकारीयो ओर विशेष मुनिभक्त परिवारों ने आचार्य श्री को 3 माह लगभग 90 दिनों बहुत ही अच्छी सेवा और सुरक्षा कर गुरु भक्ति की मिसाल कायम की, जब इस महामारी में भाई भाई के लिए पति पत्नी के लिए पत्नी पति के लिए बाप बेटे के लिए बेटा बाप के लिए भाई बहन के लिए बहन भाई के लिए कोई भी रिश्तेदार ओर आसपड़ोसी एक दूसरे के लिए काम नही आ रहा था जब गुमास्ता नगर के गुरु भक्तों ने पूरी तरह सेवा करके वेयावर्ती करके सामायिक प्रतिक्रमण आहार निहार सभी तरह की चर्या व्यवस्थित करवाकर किसी कमी को संघ को महसूस नही होने दी
इसके बाद देश मे कोरोना कि स्थिति सही नही होने से सभी गुमास्ता नगर के भक्तो ने आचार्य श्री से चातुर्मास यही करने का निवेदन किया जिसे आचार्य श्री ने समय और समाज की भक्ति को देखते हुए स्वीकृति प्रदान करि ओर चातुर्मास 2021 का इंदौर के गुमास्ता नगर में फाइनल हुआ

इस बीच मे आचार्य श्री के पावन सानिध्य में गांधीनगर एल इन सिटी समर्थ सिटी अंजलि नगर रामचन्द्र नगर स्मृति नगर राजेन्द्र नगर कंचनबाग जैन कालोनी सुदामानगर आदि सभी दूर बहुत महती धर्म प्रभावना हुई

फिर गुमास्ता नगर में भव्य चातुर्मास स्थापना हुई बहुत भव्य आकर्षक पंडाल ओर मुकुट मांगलिक भवन में खूब कार्यक्रम हुए जिसमे भक्तामर महा अर्चना विद्वान सम्मेलन पर्युषण महापर्व रक्षाबंधन अध्यक्ष मंत्री सम्मेलन आदि प्रमुख थे जिससे भी महती धर्म प्रभावना हुई है और आचार्य श्री को पूरे इंदौर में होने वाले कार्यक्रमो के लिए निवेदन करने वालो का तांता लग गया उनकी स्वीकृति भी होती गई अभी 22 नवम्बर से 29 नवम्बर आपके सानिध्य में पंचकल्याणक भी फाइनल था आचार्य श्री पर्युषण पर्व ओर दीपावली के बीच के समय इंदौर भृमण के दौरे पर निकले और अच्छी प्रभावना भी होती रही, इस बीच जो अनहोनी घटना घटी इसकी किसी को सपने में भी उम्मीद नही थी
इंदौर पूरा समाज मुनिभक्त समाज है यहाँ पंथ वाद ओर सन्तवाद का कोई विवाद नही है यहाँ पिच्छी कमण्डल धारी सभी सन्त पूज्यनीय एवम सम्मानीय है सभी दूर सभी मुनि भक्तो ओर समाज जनो ने बहुत ही सेवा और वेयावर्ती भी कर गुरु भक्ति का परिचय दिया है

इंदौर के बड़े कार्यक्रम क्षमा वणी में भी आचार्य श्री की इतवारीया में बहुत अच्छी प्रभावना हुई है
जो अनहोनी घटना हुई है उससे सभी भक्त भी बहुत आहत है सभी को बहुत दुःख है इस मुनिभक्त समाज को किसी भी प्रकार के आरोप प्रत्यारोप नही लगावे ओर आहत नही करे
अगर किसी को किसी भी प्रकार की जांच करवाना होतो करवाने की स्वत्रंता है कोई रोक टोक नही है हम सहयोग भी प्रदान करेंगे, पर बिना वजह आरोप नही लगावे यह घटना असंभावित हुई है किसी का भी दोष नही है और इससे सभी दुःखी भी है

इस असहनीय घटना से दुःखी मुनि भक्त परिवार प्रदीप बड़जात्या,कमल रावका,महेंद्र निगोत्या, दिलीप पाटनी, कैलाश मीना पाटनी, सुरेश सेठी,सिरीश जैन,दिलीप रत्नावत विशाल प्रीति गांधी,अभय झांझरी, वेभव कासलीवाल, शैलेश श्वेता काला, रोशन जैन,प्रवीण जैन इंदौर

और फिर चैनल महालक्ष्मी के बार बार आवाज देने के बाद आचार्य श्री विमद सागर जी की जन्म स्थली शाहगढ़ के समाज ने आवाज बुलंद की कुछ इस तरह और इंदौर के एक समाज के कुछ लोगों को बेनकाब इस पोस्ट से 3 दिन पहले किया।

इंदौर में हुई 30 अक्टूबर आचार्य श्री को संदिग्ध मौत की घटना से क्षुब्ध होकर न्याय की मांग को लेकर शाहगढ़ में सड़क पर निकली जैन समाज…आचार्य श्री विमद सागर महाराज के सेवादार अनिल के कथनों से मामला संदिग्ध, इंदौर के गुमास्ता नगर से पहुंचे नन्दा नगर में आचार्य श्री का मंच तोड़ना, और धमकियां देकर वहाँ से भी अन्यंत्र जाने अन्यथा की स्थिति में आचार्य श्री पर चरित्र हीन का आरोप लगा कर उन्हें मुनि चर्या से विलोपित करने की कमेठी के पदाधिकारियों ने धमकियां भी दी थी।और उसके वाद उनके बडे भाई को धमकियां देना। इससे यह सिद्ध होता है कि आचार्य श्री की हत्या को आत्महत्या बता कर मामले को दबाने का इंदौर की कमेठी द्वारा प्रयास किया गया है।शाहगढ़ नगर में जन्मे आचार्य श्री विमद सागर जी के भक्तों एवं शाहगढ़ सकल दिगम्बर जैन समाज ने सीबीआई जांच की मांग करतें हुए ज्ञापन दिया


जब कसूरवार लोगों पर नकेल कसने लगी, बेनकाब की, छटपटाहट शुरू हुई, तो उन्होंने अपना गिरगिट की तरह से रंग बदला, बिना नाम के जारी की गई है। पोस्ट सब कुछ स्पष्ट कर देती है ।

जो भी आचार्य विमदसागर जी की आत्महत्या को हत्या करार देकर जांच कराने की बात कर रहे हैं, क्या वह यह नहीं जानते कि आचार्य श्री का मुनि जीवन कितना विवादित रहा है,गुरुभक्ति में यह क्यों भूल रहे हैं कि एक जगह से उनका विहार नहीं करवाया बल्कि सैकड़ों इस जैसे प्रसंग हो चुके है कई जगह से महाराज का विहार करवाया जा चुका है,समाज के कई बच्चो के साथ उनने क्या हरकतें की क्या यह किसी से छुपा है,अगर वह प्रकरण बाहर निकलेंगे तो महाराज जी के अंधभक्त क्या जवाब देंगे,कई जगह की समाज के पास आज भी महाराज के वीडियो है,क्या इंदौर में भी ऐसा ही कुछ नहीं हुआ था ?

आखिर सबकुछ जानने के बाद भी क्यों यह अंधभक्त धर्म की जगहंसाई कराना चाहते हैं,कल को महाराज की जांच होगी और वीडियो बाहर निकलेंगे उनके काले कारनामे सामने आएंगे, तब अंधभक्त किसको मुंह दिखाएंगे, जो भी हुआ गलत हुआ, पर जिसके बच्चे के साथ महाराज ने गलत किया, उसका दुख वहीं जानता है, लोग बच्चों को साधू संतो के पास धर्म जानने,नैतिक आचरण अपनाने की भावना से भेजते हैं,पर उसका उलट साधू ही हैवान बन जाए तो क्या कहना कम लिखा है, अधिक समझना, पर जैन-धर्म को अंधभक्ती के दलदल में मत झोंको बल्कि वह गंदगी को आगमोक्त तरीके से साफ करो महावीर के रघुनंदन बनने वाले अगर पांच इन्द्रियों पर लंच मात्र भी अंकुश नहीं रख पाते तो उनको कुंदकुंद स्वामी जी ने जानवर से भी गया गुजरा बताया है।

पहले धर्म को धोखा देना और बाद में खुद कुछ ग़लत करके धर्म और समाज को बदनाम करना नरक गति का कारण है।
क्षमा भाव के साथ मिच्छामि दुक्कडम्

अब चैनल महालक्ष्मी विश्वास दिलाता है कि जल्द ही हम उस तह तक पहुंच जाएंगे , जहां पर कसूरवार बेनकाब होंगे, जिन्होंने एक संत को फंदे पर झूलने को मजबूर कर दिया । आप सभी से आवाज उठाने, सच को उजागर करने , एक संत की हत्या को सही न्याय दिलाने की राह में सहयोग की अपील करता है।