54 प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार,126 वेदि प्रतिष्ठा,131 गगन चुम्बकीय शिखर,37 पंचकल्याणक,6 हॉस्पिटल,3 स्कूल, 500 से ज्यादा शिखर कलशारोहण कराने के बाद भोपाल की ओर

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13जून 2022/ जयेष्ठ शुक्ल चतुर्दशी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
मात्र 150 k.m बाकी है भोपाल 14 जून सुबह 7 बजे खुरई जैन मंदिर में भव्य मंगल प्रवेश होगा गुरुवर का
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में

मेडिटेशन गुरु के नाम से ख्याति प्राप्त 54 प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार,126 वेदि प्रतिष्ठा,131 गगन चुम्बकीय शिखर,37 पंचकल्याणक,6 हॉस्पिटल,3 स्कूल,अनेक संत भवन एव 500 से ज्यादा शिखर कलशारोहण कराने के बाद1000 किलोमीटर की पद यात्रा करके 2022 के वर्षायोग हेतु मेडिटेशन गुरु मुनिराज विहसन्त सागर ससंघ भोपाल पहली बार 20 से 22 जून के लगभग पधार रहे है

गणाचार्य श्री विराग सागर जी मुनिराज मेडिटेशन गुरु मुनिराज विहसन्त सागर के गुरु है आपने 16 वर्ष की तरुण अवस्था 2001 में ग्रह त्याग दिया था 2004 नागपुर में श्रुतपंचमी पर दीक्षा ली थी प्रथम वर्षायोग बीना,झांसी,भिण्ड,आगरा,ग्वालियर के बाद,11 वर्षायोग दिल्ली में,5 वर्षायोग चम्बल क्षेत्र में किया है

मेडिटेशन गुरु अपने वर्षायोग के दौरान 101 उपवास की साधना करते है जहाँ भी जाते है कुछ नया रचनात्मकएवं मानव सेवा का कार्य करते है इसलिये आपको मध्यप्रदेश शासन का राजकीय अतिथि भी बनाया गया है

इसलिए आपको इस बार पथरिया(दमोह)में 2023 के होने वाले जैन महाकुम्भ युग प्रतिक्रमण की मुख्य भूमिका दी गई है जिसमे 432 जैन साधु एवं 5 लाख श्रावको की आने की उम्मीद है