कल्पना कीजिए -40 डिग्री से भी नीचे तापमान में भी सैनिक भगवान को याद करते हुए धर्म ध्यान करते हुए अपनी रातें गुजारते हैं,ताकि देश सुरक्षित रहे, वह सच्चे देश प्रेमी है तभी यह कठिन काम खुशी-खुशी करते हैं : आचार्य विद्यासागर जी महामुनिराज

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सैनिक मृत्युंजय बन कर देश की रक्षा करते हैं :- आचार्य विद्यासागर जी महामुनिराज
धर्म सभा में धर्म लाभ लेने के लिए लोग आ रहे हैं लौट रहे, लेकिन धर्म की रक्षा तभी संभव है जब आप जिस देश में रहते हैं उस देश की रक्षा और सुरक्षा बनी रहे । आप सुरक्षित धर्म ध्यान कर सकें इसके लिए देश के सैनिकों को त्याग करना पड़ता है वे अपना घर परिवार छोड़कर देश की रक्षा करते हैं, उन्होंने कठिन परिस्थितियों में देश की रक्षा का संकल्प लिया है, देश पहले परिवेश- परिवार बाद में, यह महान संकल्प हमारे देश के वीर सैनिक लेते हैं और हम परिवेश- परिवार की ओर देखते हैं देश की ओर कम देखते हैं । हम जिस पेड़ पर बैठे हैं यदि उसी वृक्ष की टहनी को गिराने लगे तो पहले गिर जाएंगे,ऐसा भी लोग कर रहे हैं।

इसलिए आप उनके बारे में सोचिए जिन्होंने यह संकल्प लिया है देश की रक्षा वह करेंगे और आप शांति पूर्वक धर्म ध्यान करेंगे , आप शांति से रहे देश में शांति बनी रहे इसलिए शांति के यह प्रहरी रक्षा करते हैं, उन्हें आलस नहीं है ,उन्हें डर नहीं है आप थोड़ी सी भी सर्दी में सिर से लेकर पैर तक गर्म कपड़ों से ढक लेते हैं लेकिन यह वीर सैनिक भीषण सर्दी में पर्वत की चोटियों पर रहते हैं जहां शून्य से भी नीचे तापमान रहता है वहां -40 डिग्री से भी नीचे तापमान रह सकता है, इन कठिन सर्दियों और भीषण गर्मी में यह सैनिक दिन रात जागते रहते हैं, थोड़ी सी आहट होने पर यह अटेंशन ले लेते हैं अटेंशन को हम मेडिटेशन भी कह सकते हैं यानी ध्यान लगा लेते हैं कहां क्या हो रहा है , दिन में तो थोड़ी गर्मी मिल जाती है रात की कल्पना कीजिए किस तरह सैनिक भगवान को याद करते हुए धर्म ध्यान करते हुए अपनी रातें गुजारते हैं,ताकि देश सुरक्षित रहे वह सच्चे देश प्रेमी है तभी यह कठिन काम खुशी-खुशी करते हैं।

जनता आज निश्चिंत होकर धर्म ध्यान कर रही है आपको इनका ध्यान और सम्मान करना चाहिए जो लोकतंत्र की और देश की रक्षा करने में लगे रहते हैं, बहुत खुशी का विषय है कि ना सिर्फ पति सेना में देश की सेवा करता है बल्कि पत्नी भी सैनिकों की सेवा- चिकित्सा करती है । युद्ध के मैदान में जब सफेद वस्त्र के ध्वज दिखाए जाते हैं, इसका मतलब होता है कि शांति और युद्ध विराम, सामने वाला सैनिक इस समय गोली नहीं चलाता यह धर्म का ही परिणाम है। हमारे वीर सैनिक मृत्यु को ललकार कर मृत्युंजय बन कर देश की सेवा करते हैं

आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से अभिनंदन वर्धमान जैन के माता पिता ने लिया आशीर्वाद
विंग #कमांडर #अभिनंदन जी जैन ( #भारतीय_वायु #सेना के कमांडर जो पाकिस्तान सेना से सुरक्षित बचकर वापिस आये थे)के माता पिता का आज #आचार्यश्री #विद्यासागर जी महाराज के दर्शन के लिये दयोदय तीर्थ आगमन हुआ था
भारत द्वारा पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक थे हीरो भारत सरकार द्वारा वीर चक्र से सम्मानित अभिनंदन वर्धमान जैन के पिता रिटायर्ड एयर मार्शल एस. वर्धमान जैन में अपने परिवार के साथ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से आशीर्वाद ग्रहण किया ।
ज्ञातव्य हो कि रिटायर्ड एयर मार्शल एस. वर्धमान जैन ने भारत के साथ साथ नाइजीरिया, ईरान और हैती जैसे अशांत देशों में भारत की सेना का प्रतिनिधित्व कर देश का गौरव बढ़ाया है..!!