विहार में जब कुछ क्षण रूकते हैं तो सबको मंजिल पर पहुंचने के लिए मार्ग देने वाली सड़क भी निहाल हो जाती है
मेरे गुरूदेव भी कमाल करते हैं
रास्ते की धूल को निहाल करते हैं
कड़ी धूप में जब विहार करते हैं
पांव के छाले भी बेहाल करते हैं
मेरे गुरूदेव भी कमाल करते हैं
भक्तो को भी वो निहाल करते हैं
ज्ञान गंगा से वो मालमाल करते हैं
मेरे गुरूदेव भी कमाल करते हैं
मेरे सरकार
– -रितेश जैन