संत शिरोमणि आचार्य श्री ने बदल दिया अपने विहार का मार्ग, राजमार्ग छोड़ा, अब हो सकता है चातुर्मास यहां

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18 जून 2022/ आषाढ़ कृष्ण पंचमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी महामुनिराज का मंगल विहार आज मध्याह्न सौसर गांव,जिला-छिंदवाड़ा, मप्र से हुआ। इस गांव से ही डोंगरगढ़, नागपुर, शिरपुर,मुक्तागिरि की संभावना थी।

आचार्य प्रवर ने नागपुर-छिंदवाडा राजमार्ग छोड़कर मोहगांव,पांढुरणा का मार्ग चुना,यह रास्ता अमरावती,अकोला,वाशिम की ओर जाता है।

बीच रास्ते में थोड़ा बाजू चलके मुक्तागिरि सिद्धक्षेत्र है,अब यह रोचक होगा कि आचार्यश्री मुक्तागिर जाते है या नहीं,पर चातुर्मास की संभावना पूरी शिरपुर जैन कि हो गई है, अब 4 माह तक पूरा भारत अंतरिक्ष पार्श्वनाथ की निश्रा में धर्मलाभ अर्जित करेगा, विशेष यह है कि गुरुवर का यह पहला चौमासा होगा जो मराठीभाषी क्षेत्र में होगा।

वही हुआ जिसका अधिक अनुमान था। अंतरिक्ष पार्श्वनाथ तीर्थ जिसे शिरपुर के नाम से भी जाना जाता है गुरुदेव श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के कदम मुड़ गए। हालांकि शिरपुर कोई आसपास नही है, लगभग 200- 250 किमी के आसपास होगा। यदि पूज्य गुरुदेव शिरपुर ही जा रहे हैं तो मानकर चलिए लगभग 15 दिन तक विहार चलना संभावित रहेगा।

विगत कई कई वर्षों से ब्र. श्री तात्या भैया के निर्देशन में महाराष्ट्र-कर्नाटक के सैंकड़ों भक्त सैकड़ों किमी की पद यात्रा कर गुरुदेव को दक्षिण पधारने हेतु अनुरोध हेतु हर वर्ष गुरु चरणों मे आते रहे हैं , लगता है उनकी पुकार गुरुदेव ने सुन ली।
-अनिल जैन बड़कुल