अस्वस्थ जरूर , अपनी चर्या के प्रति पूर्णतया सजग पर ,समझ से बाहर है आचार्य श्री के विहार की दिशा, क्या चल रहा है उनके मन में, नहीं समझ पा रहे शिष्य और भक्त

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समझ से बाहर है आचार्य श्री के विहार की दिशा, क्या चल रहा है उनके मन में, नहीं समझ पा रहे शिष्य और भक्त। अपनी चर्या के प्रति पूर्णतया सजग। अस्वस्थ जरूर है, यह पूरे देश में नहीं, विश्व में चिंता बनी हुई है।

पिछले 3 दिनों में , अब हर की जुबान पर यही चर्चा है। हर कोई कुछ जानकारी चाहता है, दूसरे से, पर मिले क्या। सभी का ध्यान गुरु चरणों की ओर है ।मंगल विहार चल रहा है। अब भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है।

पर गायब हो रही है , लोगों के चेहरे से मुस्कान, जहां हर्ष के साथ उत्साह के साथ विहार होता था, अब चेहरे पर उदासी छाई होती है। चिंता की लकीरें मस्तक पर साफ दिखती हैं। गुरुवर किधर जा रहे हैं , क्या कर रहे हैं , क्या चिंतन कर रहे हैं। सब कुछ समझ के बाहर है ।पर हां , हम सब भावना तो भा ही सकते हैं ।

किसी भी जगह से, जहां भी हो, जिस जगह भी हो, आप अपने गुरुवर के प्रति, आराध्य के प्रति, उनके शीघ्र स्वस्थ होने की भावना, अपनी कामना, तो कर ही सकते हैं ।प्रार्थना तो कर ही सकते हैं, चिरायु हो , स्वस्थ हो, हमारी उम्र भी उनको लग जाए। गुरु के चरणों में बारंबार नमन, बारंबार वंदन वंदन , वही मुस्कान जो 10 दिन पहले खिलती थी ,सब को उसी का इंतजार है यह पीड़ा खत्म हो, खुशियां अपरंपार फिर आए सबके पास

चैनल महालक्ष्मी व सांध्य महालक्ष्मी परिवार यही भावना भाता है कि चिरायु हो हमारे गुरुवर और सबको फिर वही आनंदित करती आवाज और मुस्कुराते चेहरे पर खिलखिलाती मुस्कान एक बार फिर दिखाई दे।