चेतनता इतनी जग जाती मन यू तन्मय हो जाता है इनका वंदन करते करते खुद का वंदन हो जाता है : आचार्यश्री #विद्यासागर जी विहार अपडेट

0
1065

आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ 5 मुनिराज विहार अपडेट- 18, जुलाई

आषाढ़ माह मे पीडा़दायक गर्मी…. पसीने की चुभन शरीर के रोम रोम को हिला देती है कंठ अवरुध्द कर देती है…. ऐसे मे 75 वर्ष का संतत्व से सिद्धत्व की यात्रा का अविरामी दिगम्बर संत अनवरत रुप से विहार करता हुआ अपनी मंजिल की ओर बढ रहा है|

देह व प्रकृति प्रतिकूल होती रहे परंतु अंतरात्मा को सदैव अनुकूल रखते हुए बढ रहे है मंजिल अपनी पाने को|
“ये संत जिन्हे नमते नमते,
उर का क्रन्दन खो जाता है
इनके चरणों में अंगारा,
आकर चंदन हो जाता है|
चेतनता इतनी जग जाती
मन यू तन्मय हो जाता है
इनका वंदन करते करते
खुद का वंदन हो जाता है|”

आज की आहार चर्या- संत निरंकारी सत्संग भवन, भारत पेट्रोल पंप के सामने, (नरसिंहपुर से 6 किमी पहले)
*दिशा : गोटेगांव, जबलपुर।

विशेष: आगामी 2-3 दिन में मिल सकता है गोटेगांव समाज को दर्शन लाभ।

परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ 5 मुनिराज
हमे गर्व है की हमे ऐसे धर्म की प्रभावना करने का सौभाग्य मिला है जहां श्री कुंदकुंद आचार्य, आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज, आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जैसे महान तपस्वी संतो की चरण रज मस्तक पर लगाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ|
हम सभी प्रभु भक्ति मे यही भावना भाये की आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महामुनिराज पूर्ण रुप से स्वस्थ व निरोगी रहकर भव्य- अभव्य जीवों का कल्याण करे
शीघ्र ही गंतव्य स्थल पर पहुंचकर भव्यातिभव्य महामंगलकारी परोपकारी वर्षायोग स्थापित करे|