कुण्डलपुर में संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महामुनिराज ने भक्तों को संदेश देते हुए कहा कि अहिंसा हमारे जीवन में नहीं है तो न ही देव प्रसन्न होते हैं और न ही भगवान।
अहिंसा के देवता को उच्च सिंहासन पर बिठाना हमारा कर्तव्य हैं, अत: धरती पर परमार्थ के काम होते रहना चाहिए, भगवान की भक्ति करते रहना चाहिए।
प्रत्येक व्यक्ति को कर्तव्य का बोध होना चाहिए और धार्मिक अनुष्ठान होते रहना चाहिए।
– दैनिक भास्कर से साभार
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