जिस तरह गर्म लोहे का प्रेस कपड़े को तपा कर उसे चमकदार बना देता है उसी तरह मोक्ष मार्ग भी बिना तप- तपस्या किए नहीं मिल सकता : आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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9 सितंबर 2021 दयोदय तीर्थ जबलपुर

दर्पण छोटा हो या बड़ा इससे फर्क नहीं पड़ता उसे साफ सुथरा होना आवश्यक है तभी हम अपने बाह्य रूप को देख सकते हैं और बाह्य रूप को सुंदरता देते हैं हमारे वस्त्र । वस्त्रों में जो बाहरी तत्व चिपक कर गंदा कर देते हैं तो हम साबुन के माध्यम से उसे साफ करते हैं लेकिन याद रखें कि सिर्फ साबुन वस्त्र को साफ़ नहीं कर सकता उसे पानी की आवश्यकता होती है और सिर्फ पानी वस्तु को साफ नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें साबुन की आवश्यकता होती है।

इसी तरह जब हमारी आत्मा में गंदगी आ जाए तो उसे भी साफ करना आवश्यक है आचार्य कुंदकुंद महाराज द्वारा लिखित समयसार में आत्मा को साफ करने का विधि – विधान लिखा है, जब हमारी आत्मा बाहरी राग- द्वेष के कारण गंदी हो जाती है तो पर्यूषण पर्व उसे साफ करने का सबसे अच्छा अवसर होते हैं। मुनि हर पल अपनी आत्मा को साफ करते रहते हैं , उनकी साधना से आत्मा में कभी मैल नहीं जम सकता, आचार्य श्री कहते हैं कि जिस तरह गर्म लोहे का प्रेस कपड़े को तपा कर उसे चमकदार बना देता है उसी तरह मोक्ष मार्ग भी बिना तप- तपस्या किए नहीं मिल सकता। व्यक्ति सब कुछ करें रत्नात्रय का पालन करें लेकिन तप ना करें कभी उसे फल प्राप्त नहीं हो सकते ।

श्रावकों के लिए कहा है कि दान, पूजा, मर्यादित जीवन, अपरिग्रह और शील की रक्षा उपवास के ही प्रयोग है । जिस तरह मशीन को माह में 1 दिन बंद कर साफ सफाई की जाती है उसी तरह शारीरिक मशीन को भी उपवास के माध्यम से ठीक करना चाहिए । मानव शरीर वासना नहीं उपासना का केंद्र है ।

इंद्रियों के माध्यम से प्राण जीवन चलता है, पर्व के दिन इसलिए रखे गए हैं ताकि आत्मा की शुद्धि हो जाए, मानव जीवन में बार-बार आत्मकल्याण करना आवश्यक है , शरीर को काम करने के लिए भोजन आवश्यक है लेकिन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उपवास आवश्यक है , पर्युषण पर्व प्रारंभ हो रहे हैं 10 दिन पर्यूषण पर्व 10 दिन संयम के दिवस होते हैं , हमें कर्म की निर्जला करना चाहिए इससे आयु की निर्जरा भी हो जाती है । पुण्य , पाप को विनाश करने का कार्य करता है, पुण्य – पाप की निर्जला का प्रावधान है आप जीवन में इंद्रियों को जीतने के लिए त्याग करते हैं , इससे कर्म की सबसे ज्यादा निर्जरा होती है , पर्युषण पर्व की परंपरा है, इंद्रियों का दमन करने से ही सल्लेखना का सौभाग्य मिलता है

आज आचार्य गुरुवर को विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में स्थापित आचार्य विद्यासागर महाराज विद्यापीठ के सचिव दीपक जैन , सुशील छाबड़ा एवं निदेशक आशीष शर्मा ने श्रीफल अर्पित किया । महर्षि महेश योगी विश्वविद्यालय के कुलसचिव अरविंद राजपूत एवं छात्रों ने आचार्य श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया ।

केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने आचार्य श्री का आशीर्वाद प्राप्त किया एवं चलचरखा हथकरघा केंद्र का निरीक्षण किया केंद्रीय मंत्री श्री कुलस्ते ने कहा कि हथकरघा और चरखा के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों की गरीबी मिटाई जा सकती है।