अनुशासनहीनता एक बहुत बड़ी बीमारी बनती जा रही है, आपको हर क्षेत्र में संयम का पालन करना चाहिए : आचार्य श्री विद्यासागर जी

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पूर्णायु परिसर दयोदय तीर्थ तिलवारा घाट जबलपुर – 17/08/2021
आचार्य महाऋषि राज श्री विद्यासागर जी महाराज ने कहा हम मनुष्य हैं ,हमें अनुशासन में रहना चाहिए जिस तरह हम बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हैं उसी तरह हमें भी अनुशासित रहना चाहिए ।

आज सड़कों में एक्सीडेंट होते रहते हैं इसका कारण है अनुशासन में ना रहना मार्ग छोड़कर दूसरे के मार्ग में आ जाना , यही एक्सीडेंट का कारण है, इसे आजकल आधुनिकता माना जाता है , कहते हैं की समय नहीं है हमें संयम रखना चाहिए मनुष्य जन्म मिला है , आपको हर क्षेत्र में संयम का पालन करना चाहिए।

अनुशासनहीनता एक बहुत बड़ी बीमारी बनती जा रही भोजन में और भोज्य पदार्थ में अनुशासन में रखा जाता है , अब लोग विषाक्त भोजन ग्रहण कर रहे है, कोल्ड स्टोरेज में रखा दो इसका मतलब है रखा हुआ भोजन , साग – सब्जी भी हो सकती है, पहले हमारे को सिखाया जाता है किसी पेड़ में लगे हुए फल को कब तोड़ा जा सकता है जब वह बहुत छोटा भी नहीं हो और बहुत बड़ा भी ना हो , वह बड़ा हो गया तो उसे बीज के लिए रखा जाता है, मध्य का फल खाने योग्य होता है, हमें यह भी बताया जाता है कि ज्यादा नहीं तोड़ना जो व्यर्थ जाए उतना ही तोड़ना जितना पर्याप्त हो।

हर मौसम में फल और सब्जियां अलग-अलग प्रभावशाली होती है लेकिन आजकल 12 महीने यह सब उपलब्ध हो रहा है, कोल्ड स्टोरेज में रखा भोजन खाने योग्य नहीं होता। यदि आप बेमौसमी फल और सब्जियों का उपयोग करते हैं तो आप स्वस्थ नहीं रहते । इन सब वस्तुओं की एक सीमा होती है यदि आप सीमा से अधिक रखो तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। तब प्रकृति करोना जैसी महामारी देती है तभी लोगों की अकल ठिकाने आती है