देव लोग भी हाथ जोड़कर सेवा करने आ जाते हैं, उनका भी पवित्र कार्य में सहयोग मिलता है, हम उन्हें मना नहीं करेंगे पर बुलाएंगे नहीं : आचार्यश्री विद्यासागर महाराज

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सिद्ध क्षेत्र कुण्डलपुर में विराजमान आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने मंगल देशना में सोमवार को गुरु की महिमा के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि हमने कभी भी रत्नात्रय के अलावा गुरु से कुछ नहीं मांगा।

दक्षिणा के संबंध में कहा कि कर्त्तव्य मान कर सेवा करना चाहिए, क्योंकि जिनके ह्रदय में अहिंसा धर्म वास करता है उसके लिए देव लोग भी हाथ जोड़कर सेवा करने आ जाते हैं, उनका भी पवित्र कार्य में सहयोग मिलता है, हम उन्हें मना नहीं करेंगे पर बुलाएंगे नहीं, हमें उनसे सहयोग की इच्छा नहीं करना चाहिए।

जीवन का उपसंहार सल्लेखना है, यदि नमोकार मंत्र याद रह जाए तो श्रेष्ठ है। हमारा क्या होगा ऐसा नहीं सोचना, गुरु ने जो मार्ग बताया उस मार्ग पर चलना है, आत्म कल्याण के लिए कहा कि गलत मार्ग की ओर दृष्टि नहीं जाना चाहिए, समता के साथ जीवन का मरण ही उपसंहार है।

सोमवार को आचार्यश्री को नवधा भक्ति भाव से पड़गाहन और आहार देने का सौभाग्य ब्रहृाचारी नितिन भैया बैंगलोर बांदकपुर निवासी परिवार को प्राप्त हुआ।

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