युग शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज ससंघ वर्तमान में सिद्धक्षेत्र रेवातट,नेमावर में विराजमान हैं, यह मध्यप्रदेश के देवास जिले में है, आचार्य श्री के दर्शन हेतु महाराष्ट्र,कर्नाटक प्रांत से विभिन्न मुनिसंघों का पदविहार चल रहा है,जो नेमावर आकर आचार्यश्री के दर्शन का सौभाग्य अर्जित करेंगे
1. आचार्यश्री वर्द्धमानसागर मुनिराज (दक्षिण वाले)
आपके दीक्षागुरु आचार्य श्री सन्मतिसागर मुनिराज (दक्षिण प्रांत) है।आपका सम्मेदशिखर वंदना के उपरांत सतना चातुर्मास करके नेमावर हेतु विहार चल रहा है,आपने ब्रह्मचर्य व्रत आचार्य विद्यासागर जी से ही लिया था।साथ में 14 पिच्छीधारी साधू है। वर्तमान में सागर,मप्र से नेमावर की ओर विहाररत।
2.आचार्य कुलरत्नभूषण मुनिराज
आपके दीक्षागुरु मुनि धर्मभूषण जी(शिष्य- आचार्य देशभूषण जी) है। आपका कर्नाटक के बागलकोट जिले से विहार चल रहा है,1000 किमी की दूरी पैदल तय कर 1 महीने में आप नेमावर पहुंचेंगे,व जीवन में प्रथम बार आचार्यश्री के दर्शन करेंगे। वर्तमान में जालना, महाराष्ट्र से नेमावर की ओर विहाररत
3. आचार्य चंद्रप्रभसागर मुनिराज
आपके दीक्षागुरु आचार्य सन्मतिसागर मुनिराज(दक्षिण प्रांत) है। नातेपुते,सोलापुर चातुर्मास करके आप नेमावर की ओर विहार कर रहे हैं,आपने ब्रह्मचर्य व्रत आचार्य विद्यासागर जी से ही लिया था,आप अच्छे प्रभावक मुनि है। आपका 2 मुनिराजो का संघ है, वर्तमान में खंडवा,मप्र से नेमावर की ओर विहाररत
4. श्रमण भूतबलिसागर मुनिराज
आपकी मुनिदीक्षा आचार्य विमलसागर जी से हुई,व क्षुल्लक दीक्षा आचार्य विद्यासागर जी से ही ली थी,आप 35 वर्ष से अधिक समय से मुनि पद पर साधना कर रहे है, जालना, महाराष्ट्र से चातुर्मास सम्पन्न कर आप नेमावर पधार रहे हैं,आपके संघ में 4 मुनिराज है। वर्तमान में बुरहानपुर,मप्र से नेमावर की ओर विहाररत।
5. श्रमण सुप्रभसागर मुनिराज
आपकी मुनिदीक्षा पट्टाचार्य वर्द्धमानसागर मुनिराज के कर-कमलों से सम्पन्न हुई थी,हेरले(कोल्हापुर) से चातुर्मास संपन्न कर लगभग 1000 किमी का पदविहार करके आप नेमावर पधार रहे हैं,आपने ब्रह्मचर्य व्रत व विद्यार्जन आचार्य विद्यासागर जी के संघ में ही किया था। वर्तमान में मनमाड़,महाराष्ट्र से विहाररत