आज वाशिम के धोत्रा(जहाँगीर) गांव मे आचार्यश्री का चातुर्मास अतिशय क्षेत्र शिरपूर में होने की घोषणा, 55वा दीक्षा दिवस कारंजा लाड़ तहसील में

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आज वाशिम के धोत्रा(जहाँगीर) गांव मे आचार्यश्री का चातुर्मास अतिशय क्षेत्र शिरपूर में होने की घोषणा, 55वा दीक्षा दिवस कारंजा लाड़ तहसील में

3 जुलाई 2022/ आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
कंकर पत्थर धरती अम्बर देख रहे होकर के मौन, नही देखता पद छालों को चले निरंतर पथिक ये कौन?
धुप बेचारी बड़ी अचंभित गुरुजी का निरंतर विहार शुरु है

महाराष्ट्र के वाशिम जिले में कारंजा लाड़ तहसील में विहार रत आचार्य भगवन का 55वा दीक्षा दिवस 4 जुलाई 2022सोमवार को बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा।

आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का पावन वर्षायोग कलश स्थापना – 17 जुलाई 2022 दिन रविवार को होने की पूर्ण संभावना है।

कार्यक्रम स्थल- आई भवानी मंदिर जवळ, वाघी रोड , शिरपूर जैन , तहसील मालेगाव जिला वाशिम,

जेष्ठ माह की तेज गर्मी तापमान 42 डिग्री के उपर 78 वर्ष के तपस्वी साधक आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महामुनिराज प्रतिदिन 12/15 किलोमिटर का पद विहार करते करते महाराष्ट्र की धरापर विहारत है
बीते मार्च में एक कदम भी चलने की शक्ती नहीं थी..कुंडलपूर दमोह से रहली सागर तक डोली से विहार किया

23 मई को मन मे कुछ संकल्प लेकर रहली से चल पडे है! आज महाराष्ट्र के वाशिम जिले मे विहार कर रहे है।
दो महिने डोली से विहार करनेवाले आचार्य भगवन श्री विद्यासागरजी अब पैदल तेज कदमों से चलते हुए बस विहार कर रहे है|
सभी संभावनाए समाप्त…
आज वाशिम जिले के धोत्रा(जहाँगीर) गांव मे गुरुजी के पूजन समय बा.ब्र.तात्या भैय्याजी ने आचार्यश्री का चातुर्मास अतिशय क्षेत्र शिरपूर जैन जिला वाशिम में होने की घोषणा कर दी।
मतलब छोटे बाबा का चातुर्मास अंतरिक्षवाले बाबा के दरबार में होना निश्चित हुआ है।

युग श्रेष्ठ, संत शिरोमणि आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महामुनिराज निर्यापक श्रमण मुनिश्री १०८ प्रसादसागर जी महाराज, मुनिश्री १०८ चंद्रप्रभसागर जी महाराज, मुनिश्री १०८ निरामयसागर जी महाराज , ऐलकश्री १०५ सिद्धांतसागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार जिला वाशिम चल रहा है।

आप सभी जानते है हमारे जैन संत 24 घंटे में सिर्फ एक बार अन्न जल ग्रहण करते हैं| वह भी विधि पूर्वक खडे होकर…… हमारे भगवन ने तो आहार में सभी रसों का त्याग किया है…शक्कर,नमक,सब्जी,फल का आजीवन त्याग है….
वे तो साधना और तप के शक्ति से चल रहे है……।

अब एक ही आस भारत के पुरे महा राष्ट्र में हो आप का विहार….

-संतोष पांगळ जैन मुरुड