सोमवार, 06 दिसंबर, 2021, दमोह | रविवार को वमनपुरा से पटेरा विहार करते हुए आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज रविवार दोपहर कुण्डलपुर पहुंचे। दोपहर करीब 2 बजे पटेरा से विहार करते हुए आचार्यश्री दोपहर करीब 3 बजे कुण्डलपुर धाम पहुंचे, जहां से सीधे चढ़ाई चढ़ते हुए पहाड़ी पर स्थित जैन धर्म के तीर्थ क्षेत्र कुण्डलपुर में विराजित देवाधिदेव भगवान श्री आदिनाथ बड़े बाबा के दर्शन किए। इस तरह 5 साल 5 महीने बाद 5 दिसंबर रविवार को छोटे बाबा आचार्यश्री का बड़े बाबा से मिलन हुआ। मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करते ही आचार्यश्री ने बड़े बाबा को निहारते हुए हाथ जोड़े, बड़े बाबा की शांत वीतराग अवस्था की छवि को छोटे बाबा करीब आधा घंटे तक निहारते रहे। इसके बाद अभिषेक पूजन कर बड़े बाबा को छत्र चढ़ाया गया। मंदिर से बाहर आचार्यश्री ने श्रद्धालुओं को दर्शन दिए।
यहां देवी-देवता तो आएंगे। लेकिन मनुष्यों में कोई भी कमी नहीं रहेगी
उनके दर्शनों के लिए यहां हजारों श्रद्धालु एकत्र हुए। आचार्यश्री ने आदिनाथ भगवान के दर्शनों के बाद श्रद्धालुओं को दर्शन व प्रवचन दिए। आचार्यश्री ने कहा मनुष्य के पास वैभव नहीं है। स्वर्ग में इंद्र के पास जो वैभव है उसे छोड़कर आप लोग भगवान की जो भक्ति करने में लगे हैं उसे देवलोक से हमेशा देखा करते हैं। आज समयानुकूल बड़े बाबा के पास मुहूर्त के अनुसार हम दिव्य मूर्ति के दर्शन करने के लिए यहां उपस्थित हो गए। अब जो है वही मुहूर्त समझ करके एक-एक क्षण आप लोगों को इसका उपयोग करना है।
आपके यहां देवी-देवता तो आएंगे। लेकिन मनुष्यों में कोई भी कमी नहीं रहेगी। ऐसी स्थिति में बड़े बाबा के लिए आपने जो किया वह अल्प मात्र है। हमारा इतिहास है जो भी महोत्सव होते है, उसमें पुलिस भी भाग लेती है। लेकिन व्यवस्था की कोई आवश्यकता नहीं पड़ना चाहिए। फिर भी आप लोगों के लिए इसका लाभ मिलेगा। आप सब मिलकर इस महोत्सव का जो हजार वर्ष के बाद होने जा रहा है लाभ लें। आप लोगों की एक रत्ती भी इसमें लगती है वो हजारों वर्षों के लिए प्रेरणा देती है। अभी मात्र मंगलाचरण हुआ है। प्रवचन के बाद आचार्यश्री मंदिर से नीचे पहुंचे। बता दें कि फरवरी में आचार्यश्री के सानिध्य में कुंडलपुर में महामहोत्सव होना है। आचार्यश्री महोत्सव संपन्न होने तक विराजमान रहेंगे। प्रवचन के पूर्व आनंद नीतू परिवार ने पाद प्रच्छालन किया।
पटेरा से कुण्डलपुर तक 4 किमी के मार्ग में हर वर्ग ने अपने अंदाज में किया स्वागत
आचार्य श्री के प्रति सभी वर्गों की आस्था है। इसका नजारा पटेरा से कुण्डलपुर मार्ग पर करीब 4 किमी तक देखने को मिला। पटेरा से कुण्डलपुर तक जगह-जगह स्वागत द्वार, रंगोली सजाई गई। रास्ते में श्रद्धालु आचार्यश्री के दर्शनों के लिए टकटकी लगाए खड़े रहे। जैन मंदिर पटेरा से 4 किमी तक महिला संगठन, युवा, बच्चे सहित सकल जैन समाज के अलावा स्थानीय लोगों ने आचार्यश्री की अगवानी की।
कुण्डलपुर पहुंचने से पहले शिक्षक संघ सहित कुण्डलपुर कमेटी ने अगवानी की। अगवानी में दमोह के सभी मंदिरों की महिला मंडल सहित हटा, सागर सहित अन्य जगहाें से आईं महिलाएं मंडलों के अलावा भक्त शामिल थे। किसी ने बैंड बाजे बजाए तो किसी ने मंजीरा, किसी ने कलश सजाए तो किसी ने दीप जलाए। आचार्यश्री के पहुंचने से पहले ही कुण्डलपुर में दूर दूर से श्रद्धालु पहुंच गए थे। हजारों श्रद्धालु आचार्यश्री के दर्शनों के लिए पहुंचे थे।
– भास्कर से साभार