अंग्रेजों में अब शाकाहारी के साथ वीगन भोजन का चलन बढ़ता जा रहा है। इसका अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि िब्रटेन में जनवरी का महीना एनुअल वीगनरी चैलेंज के लिए जाना जाने लगा है। इस एक महीने में लोग चुनौती लेते हैं कि वे केवल शाकाहारी भोजन ही करेंगे और अपनी थाली से मीट, मछली, चिकन ही नहीं, बल्कि दूध, दही, घी आदि का भी बहिष्कार करेंगे। मांसाहार के साथ ही दुग्ध उत्पाद छोड़ने वाले लोग वीगन कहलाते हैं।
दरअसल, साल 2014 के जनवरी में ब्रिटेन के लोगों ने इस चुनौती में हिस्सा लेना शुरू किया था, जिसके अंतर्गत साल 2021 तक 6 लाख लोग वीगन हो चुके थे। 2014 की तुलना में यह संख्या 400% की बढ़त दर्ज कर चुका है।
2020 से लेकर अब तक िब्रटेन में उन रेस्टोरेंट्स की संख्या दोगुनी हो गई है, जो वीगन खाना ही परोस रहे हैं। मैक्डोनल्ड समेत अब 12 हजार रेस्तरां एप के माध्यम से वीगन खाना परोस रहे हैं। साथ ही उम्मीद की जा रही है कि इस महीने के अंत तक 20 लाख लोग वीगन होने की चुनौती स्वीकार कर लेंगे तो 80 लाख लोग वीगन हो जाएंगे। इसमें छात्रों व युवाओं की संख्या ज्यादा है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोध से पता चला है कि एक व्यक्ति अगर वीगन हो जाता है तो कार्बन फुटप्रिंट में 73% की कमी कर लेता है। इतना ही नहीं, अगर एक माह के लिए वीगन होता है तो वह मीट व डेयरी उत्पादन में लगने वाले 1.26 लाख लीटर पानी की भी बचत करता है।
शोध के अनुसार, अगर हर व्यक्ति वीगन हो जाए तो 70 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन रुक सकता है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज की समस्या बनी हुई है। यानी सिर्फ खाने में बदलाव करने से ग्लेशियर का पिघलना, सूखा, बाढ़ जैसी समस्याओं से निजात मिल जा सकती है।- भास्कर से साभार