8 जुलाई 2022/ आषाढ़ शुक्ल नवमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
नाम से नहीं काम से पहचान होती है, लेकिन डॉ.वीरेन्द्र हेगड़े जी एक ऐसा नाम है जहां नाम भी है, काम भी है और पहचान भी है जिनका नाम बड़े ही आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है । ऐसे परम् आदरणीय व्यक्तित्व है, धर्मस्थल कर्नाटक के हमारे धर्माधिकारी डॉ.वीरेन्द्र हेगड़े का जिन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी की अनुषंसा पर राज्यसभा सदस्य मनोनित कर जैन समाज का गौरव संपूर्ण विष्व में स्थापित किया है ।
सद्भावना-समन्वय-समर्पण-सकारात्मक सोच के साथ राष्ट्र के प्रति समर्पित एक ऐसा व्यक्तित्व जो मानव मात्र के लिए कल्याण की भावना के साथ काम करते है और राष्ट्र के प्रति अपूर्व भक्ति रखते है । ऐसे समाज के षिरोमणि डॉ. वीरेन्द्र हेगड़े का चयन हम सभी को गौरवान्वित करता है। आईये ! जानते है हमारे परम् आदरणीय व्यक्तित्व श्री वीरेन्द्र हेगड़ेजी को…
रत्नवर्माजी के अनुपम रत्न है वीरेन्द्रजी हेगड़े
25 नवम्बर 1948 को जन्मे श्री वीरेन्द्र हेगड़े श्रावक श्रेष्ठी रत्नवर्माजी व रत्नमाजी के सबसे बडे़ सुपुत्र है । उनके छोटे भाई श्री हर्षेन्द्रजी, श्री सुरेन्द्रजी, श्री राजेन्द्रजी समाज के गौरवपूर्ण वरिष्ट समाजसेवी है । जीवन के हर कदम पर सहयोगी हसमुख व्यक्तित्व की धनी उनकी धर्मपत्नी पद्मावती हेगड़े उनके साथ हर कार्य में अग्रणी रहती है । बेटी श्रद्धा उनकी भावनाओं को आगे बढ़ाती है ।
धर्मस्थल स्थित मंजुनाथ स्वामी मंदिर के प्रमुख धर्माधिकारी डॉ.डी.वीरेन्द्र हेगड़े मात्र 19 वर्ष की आयु में 24 अक्टूबर 1968 को 21वें धर्माधिकारी के रुप में नियुक्त हुए है, तब से अब तक उन्होंने अपने पद की गरिमा को समूचे विष्व में स्थापित कर धर्मस्थल को विष्व के मानचित्र पर स्थापित करने के साथ धर्मस्थल को अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण बनाया है साथ ही भारतीय संस्कृति का प्रमुख केन्द्र बनाया, अपनी पूज्य माताजी की इच्छा अनुरुप धर्मस्थल की एक पहाड़ी पर भगवान बाहुबली की प्रतिमा स्थापित कराकर विषाल महामस्तकाभिषेक व पंचकल्याणक प्रतिष्ठा कराई जो ऐतिहासिक है।
समाज कल्याण के लिए समर्पित
समाज कल्याण की भावना को अपने हृदय में समाहित कर दिन-रात सेवा में रत रहने वाले आदरणीय हेगड़ेजी 1972 से सामुहिक विवाह निःषुल्क कराते आ रहे है, श्री धर्मस्थल मंजुनाथेष्वर कॉलेज व एस.डी.एम.एजुकेषनल सोसायटी के माध्यम से अनेक मेडिकल, इंजीनियरिंग, आयुर्वेद, प्रबंधन संस्थान, अस्पताल आदि का संचालन कर रहे है । भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार में निरंतर संलग्न आप योग, प्राकृतिक चिकित्सा के साथ नैतिक षिक्षा के प्रसार हेतु योगदान देते है, आपके निर्देषन में 400 से अधिक हाईस्कूल संचालित है जहां संस्कारों के साथ षिक्षा को महत्व दिया जाता है । ग्रामीण विकास, महिला सषक्तिकरण के लिए 600 से अधिक ग्रामों में आपका योगदान जारी है, समाज कल्याण के प्रत्येक कार्य में आपका यह कार्य विगत पॉंच दषकों से निरंतर जारी है । ऐसे अनुपम सहज व्यक्तित्व का चयन हम सबके लिए गौरव का क्षण है ।
भारत का गौरवपूर्ण नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ से गौरवान्वित है हेगडे़जी
सम्मान जिनके आगे नतमस्तक है ऐसे सम्मानीय डॉ.डी.वीरेन्द्र हेगड़े भारत के द्वितीय सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित है। इससे पूर्व उन्हें सामाजिक कार्य हेतु पद्म भूषण व कर्नाटक सरकार द्वारा कर्नाटक रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है । 1993 में राष्ट्रपति डॉ.शंकरदयाल शर्मा द्वारा ‘राजर्षि’ की उपाधि, प्रधानमंत्री श्री नरसिंहराव द्वारा प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है । वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सहित पूर्व के अनेक प्रधानमंत्री धर्मस्थल में श्री हेगड़ेजी के मेहमान बन चुके है । गोम्मटेष्वर भगवान बाहुबली स्वामी के महामस्तकाभिषेक में परम् पूज्य जगद्गुरु कर्मयोगी स्वस्तिश्री चारुकीर्तिजी भट्टारक स्वामीजी श्रवणबेलगोला के साथ आप हमेषा सक्रिय रहे है ।
राष्ट्रगौरव वात्सल्य वारिधी, आचार्यश्री वर्धमानसागरजी महाराज, संत षिरोमणि आचार्य विद्यासागरजी महाराज, परम् पूज्य श्रमणाचार्य विषुद्धसागरजी महाराज, पूज्य गणिनी आर्यिका ज्ञानमतिमाताजी सहित देष के समस्त आचार्य त्यागियों का विषेष आषीर्वाद हेगड़ेजी को हमेषा मिलता रहा है । प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने श्री हेगड़े का राज्यसभा में मनोनयन कर एक श्रेष्ठ एवं ज्येष्ठ व्यक्तित्व को मौका दिया
है । जिससे भारतीय श्रमण व वैदिक संस्कृति की अहिंसक क्रांति जन-जन तक पहुंचाने में मदद होगी व भारत पुनः विष्वगुरु बन सकेगा ।
राजेन्द्र जैन ‘महावीर’, मो.नं. 9407492577 ई-मेल – rjainmahaveer@gmail.com