Power,Position,Status का सही उपयोग तभी होगा,अगर हम किसी रोते हुए व्यक्ति के चेहरे से आंसू पौंछ सकें- मुनि श्री वीर सागर जी

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परम पूज्य मुनि 108 श्री वीर सागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा
Power वह है जो दूसरों की दुख पीड़ा को आसान करे,चिता जलने से पहले जीवन में चेतना जाग जाये,आस्था पैदा हो जाये तो यह जीवन सार्थक हो जायेगा,प्रतिदिन प्रभु का दर्शन करना उत्तम है,मंत्र जाप,संयम साधना,शास्त्र-स्वाध्याय करना और भी श्रेष्ठ है,तीर्थंकर एवं महापुरुषों के जीवन-चरित्र पढ़ना भी अति श्रेष्ठ है,लेकिन सर्वश्रेष्ठ यह है,एकांत में बैठ कर अपनें अन्दर झाँक कर यह देखना कि इतना सब कुछ करते रहने पर हमारे अन्दर क्या कोई गुणात्मक रूपांतर हुआ है,

हमारे क्रोध,मान,माया,लोभ, हिंसा,झूठ,चोरी,कुशील,परिग्रह में कुछ कमी आई,क्या हमारी संवेदनशीलता जागी है,सामने वाले की पीड़ा और दुख देख कर हमारी आंखें नम होने लगी है, Power,Position,Status का सही उपयोग तभी होगा,अगर हम किसी रोते हुए व्यक्ति के चेहरे से आंसू पौंछ सकें,किसी उदास चेहरे पर एक मुस्कान खिला सकें,किसी को थोड़ी सी प्रसन्नता दे सके,ऐसा करने के प्रतिफल के रूप में हमें भी एक अनुपम संतुष्टि एवं प्रसन्नता की अनुभूति होगी,हम सांसारिक हानि-लाभ के पराधीन हो जाते हैं,अपने आपको अपने हित-अहित तक ही सीमित कर लेते हैं,इस मानवीय दुर्बलता के वशीभूत हो,हम अपनी अतुलनीय शक्तियों का प्रयोग मानवीय मूल्यों के विरुद्ध करने लगते है,जबकि हमें यह शक्तियाँ जीव-मात्र के कल्याण निमित्त उपहार में दी गयी हैं..!