28 सितम्बर 2023/ भाद्रपद शुक्ल त्रयोदशी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी / बौंसी (बाँका/ प्रवीण जैन
● भगवान वासुपूज्य के जयकारो से गूंज उठा मंदारगिरी सिद्ध क्षेत्र
● उत्तम ब्रह्मचर्य के साथ जैनियों के महापर्व दशलक्षण सानन्द संपन्न हुआ
● दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार-झारखण्ड, उत्तर प्रदेश आदि प्रांतो से भारी संख्या में पहुँचे जैन धर्मावलंबी
● मोक्ष स्थली पर निर्वाण लाडू चढ़ाकर श्रद्धालुओं ने अपने निर्वाण का किया कामना
): जैन धर्म के 12 वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य स्वामी के निर्वाण महामहोत्सव पर उनके निर्वाण स्थली मंदारगिरी में गुरुवार को जैन धर्मावलम्बियों ने धूमधाम के साथ भव्य शोभायात्रा निकालकर 51 किलो का भव्य निर्वाण लाडू श्रद्धापूर्वक चढ़ाया।
रथयात्रा का प्रारम्भ श्री दिगम्बर जैन कार्यालय मंदिर से प्रारंभ होकर हनुमान चौक, बौंसी बाजार, गांधी चौक वापस वासुपूज्य द्वार, पंडा टोला, समोशरण बारामती जैन मंदिर पापहरणी रोड के रास्ते गाजे-बाजे के साथ मंदार पर्वत तलहटी स्थित जैन मंदिर तक गई। रथयात्रा के पहले बौंसी स्थित कार्यालय जैन मंदिर में प्रातः 6 बजे अभिषेक, शांतिधारा व पूजन-अर्चना किया गया।
सुसज्जित रथ पर वासुपूज्य स्वामी को विराजमान कर निकाली गई रथयात्रा
भगवान वासुपूज्य स्वामी के प्रतिमा जी को सजे-धजे भव्य रथ पर प्रातः 7 बजे विराजमान कर गाजे-बाजे के साथ भव्य रथयात्रा मंदार पर्वत के लिए प्रस्थान हुई। रंग-विरंगे फूल-मालाओं और पंचरंगा जैन ध्वज से भव्य तरीके से सजाया गया था। जो बहुत ही आकर्षक लग रहा था और लोगो को आकर्षित कर रहा था। जिसे देखने स्थानीय बाजार के लोगों की भी हुजूम उमड़ पड़ी। रथ पर विराजमान भगवान वासुपूज्य की मनोहारी प्रतिमा चांदी के छत्र तले अलौकिक छटां बिखेर रही थी। जैन श्रद्धालु हर्षोल्लासपूर्वक झूमते–नाचते, भक्ति-भजन करते महामंत्र णमोकार का जाप करते हुए चल रहे थे। इस दौरान जगह–जगह रथ पर विराजमान भगवान वासुपूज्य की मंगल आरती की गई।
“जियो और जीने दो” के संदेश का हुआ जयघोष, दिया सत्य, अहिंसा, मैत्री और शांति का संदेश
शोभायात्रा के आगे-आगे जैन पंचरंगा ध्वज, झंडा-पताका लिए श्रद्धालु जैन संदेश देते चल रहे थे। गाजे-बाजे, घंटी के मधुर धुन पर श्रद्धालु नृत्य करते रथयात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे। इस महोत्सव को लेकर जैन समाज के बीच खासा उत्साह था। ज्ञात हो कि मंदारगिरी जैन धर्म के 12वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य स्वामी का तप, कैवल्य ज्ञान व पावन मोक्ष स्थली है। इस भव्य शोभायात्रा व निर्वाण महोत्सव में देश के कोने-कोने से सैंकड़ो की संख्या में जैन श्रद्धालु मंदारगिरी पहुंचे।
● मंदार पर्वत शिखर स्थित मोक्ष कल्याणक स्थली पर चढ़ाया गया 51 किलो का भव्य निर्वाण लाडू।
क्षेत्र प्रबंधक पवन कुमार जैन ने बताया कि भगवान वासुपूज्य के तप, ज्ञान एवं पावन निर्वाण भूमि से सुशोभित मंदारगिरी पर्वत शिखर स्थित मोक्ष कल्याणक मंदिर में प्रभु के अत्यंत प्राचीन चरण पादुका के समक्ष एवं भगवान वासुपूज्य खड्गासन मंदिर में 51 किलो का भव्य निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। निर्वाण लाडू आकर्षक ढंग़ से शुद्धिपूर्वक तैयार किया गया था।
इससे पूर्व मंत्रोच्चारण, भगवान वासुपूज्य का अभिषेक, महामस्तकाभिषेक, शांतिधारा, पूजन-पाठ, निर्वाण काण्ड पाठ आदि का कार्यक्रम सम्पन्न किया गया।
इस आयोजन को सफल बनाने में मंदारगिरी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र प्रबंधन तैयारी में लगी हुई थी। विदित हो कि जैनियो के चल रहे दस दिवसीय महापर्व पर्युषण यानी दशलक्षण का समापन गुरुवार को उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के साथ हुआ। इस दौरान जैन धर्म के कई अनुष्ठानों से मंदारगिरी क्षेत्र का वातावरण पवित्र हुआ और जैन धर्मावलंबियो ने विश्वशांति के लिए प्रतिदिन मंगल भावना सहित विशेष पूजन कर रहे थे।
अमेरिका से ऑनलाइन जैन श्रद्धालु ने चढ़ाया निर्वाण लाडू
भारत ही नही बल्कि विदेशों से भी जैन श्रद्धालुओं ने मंदारगिरी में निर्वाण लाडू चढ़ाकर अपनी आस्था व्यक्त की। रथ के खवासी और सारथी का सौभाग्य क्रमशः सोनू जैन जबलपुर, सुरेश बांडे जैन नागपुर को प्राप्त हुआ। शांतिधारा करने व प्रथम निर्वाण लाडू चढ़ाने का सौभाग्य देवेंद्र कुमार जैन, सनत जैन कुशाग्र सपरिवार दिल्ली को प्राप्त हुआ। प्रथम कलश करने का अवसर प्रेमसुख विनीत ध्रुव कासलीवाल कलकत्ता सपरिवार को मिला।
इस अवसर पर क्षेत्र प्रबंधक पवन कुमार जैन के नेतृत्व में स्थानीय संजीव जैन, प्रवीण जैन, श्रीकांत जैन, सोमेश जैन, शिल्पी जैन, नीतू जैन, आयुष जैन, मिंकू जैन सहित देश के दिल्ली, चेन्नई, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, गुजरात, बिहार-झारखण्ड से सैंकड़ो की संख्या में जैन धर्मावलम्बी शामिल हुए।
काले बादल मंडरा रहे हैं और सचमुच आने वाला समय, उसे तीर्थ के लिए खतरे की घंटी बजा रहा है। इस पर चैनल महालक्ष्मी शुक्रवार 28 सितंबर को एपिसोड नंबर 2140 तथा 29 सितंबर को एपिसोड नंबर 2141 में इसकी पूरी जानकारी देगा, कि मोक्ष स्थल के द्वार पर, श्री मंदार काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए 200 करोड़ का प्रोजेक्ट पर्यटन विभाग ने तैयार कर दिया है। इस तरह हमारे द्वार पर वह विशाल मंदिर बन जाएगा कि मोक्ष स्थली के द्वार ही बंद हो जाएंगे । चैनल महालक्ष्मी टीम ने उस क्षेत्र का पूरा दौरा किया