पहले बाल ब्रह्मचारी, जिन्होंने नहीं किया राज, उन्हीं का ज्ञान कल्याणक आ रहा है, सोमवार 23 जनवरी को

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22 जनवरी 2022/ माघ शुक्ल एकम /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी /
पहले बाल ब्रह्मचारी तीर्थंकर, जिनके पांचों कल्याणक चंपापुर में ही हुए ।
11 वे तीर्थंकर श्री श्रेयांसनाथ भगवान जी के मोक्ष जाने के 72 लाख वर्ष कम 54 सागर बीत जाने के बाद आपका चंपापुर के महाराजा वसुपूज्य की महारानी जयावती के गर्भ से आपका जन्म हुआ। 72 लाख वर्ष की आयु में 18 लाख वर्ष के कुमार काल बीत जाने के बाद, आपने फागुन कृष्ण की चतुर्दशी को चंपापुर के मनोहर वन में दीक्षा ग्रहण कर ली। आपके साथ 676 राजा और भी चले।

एक वर्ष तक एक कठोर तप के बाद आपको माघ शुक्ल की दूज यानी जो इस वर्ष 23 जनवरी को है , आपको केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई। आपका समोसारण साढ़े छह योजन विस्तार का था यानी 78 किलोमीटर। आपके 66 गणधर थे और केवलीकाल 54 लाख वर्ष में 1 वर्ष कम का रहा।

बोलिए, 12वे तीर्थंकर श्री वासुपूज्य भगवान जी के ज्ञान कल्याण की जय जय जय।