पद,पदवी,उपाधि,मान, प्रतिष्ठा प्राप्त कर अभिमान का नही वरन स्वाभिमान का अनुभव करते हुए जिम्मेदारी को वहन करें तभी इनकी सार्थकता- जैनाचार्य वसुनंदी

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कामां, गुरुवर आचार्य विद्यानंद महाराज ने कुंद कुंद भारती दिल्ली में आचार्य पद प्रदान कर एक अहम जिम्मेदारी प्रदान की वास्तव में देखा जाए तो पद, पदवी संयम साधना में एक अटकाव ही है किंतु लोक लाज से पदवी भी प्रदान की जाती है पद,पदवी,उपाधि,मान, प्रतिष्ठा प्राप्त कर अभिमान का नही वरन स्वाभिमान का अनुभव करते हुए जिम्मेदारी को वहन करें तभी इनकी सार्थकता है उक्त उदगार जम्बूस्वामी तपोस्थली पर दिगम्बर जैनाचार्य वसुनंदी महाराज ने सप्तम आचार्य पदारोहण समारोह में जैन श्रावक श्रावकों ने व्यक्त किये।

इस अवसर पर मुनि शिवानन्द महाराज ने कहा कि आचार्य वसुनंदी वात्सल्य की प्रतिमूर्ति हैं तो सम्पूर्ण श्रमण संघ उनके प्रति श्रद्धा भाव रखता है।
तपोस्थली के प्रचार प्रभारी संजय जैन बड़जात्या के अनुसार तेज हवा,ठंड व बारिश के मध्य कार्यक्रम का शुभारंभ अशोक जैन सीकरी द्वारा झंडारोहण कर किया गया तो भव्य सुसज्जित नंदीश्वर दीप विधान में बावन जिनालयों की पूजन अभिमन्यु संजय जैन इंद्रापुरम,अनिल जैन अलीगढ़,दिनेश जैन नोयडा,पंकज जैन लुहाड़िया जयपुर द्वारा सौधर्म इंद्र बनकर की गयी। इस अवसर पर अरिष्ट निवारक मुनिसुव्रतनाथ भगवान की शांतिधारा सीकरी जैन समाज के अशोक जैन ,शीतल जैन एवं मुकेश जैन अशोक नगर दिल्ली द्वारा की गई तो ऋषभ जैन के संगीत पर उपस्थित लोग झूम उठे।

आचार्य का हुआ पूजन:- समारोह में अलग अलग प्रान्त की वेशभूषा पंजाबी,बंगाली,हरियाणवी,राजस्थानी, गुजराती,उत्तरप्रदेश व अमरीका लंदन की धारण कर श्रावक श्राविकाओं ने अपने आराध्य आचार्य वसुनंदी महाराज की अष्ट मंगल द्रव्य से पूजन की तो माहौल उल्लासपूर्ण हो गया। इस अवसर पर वीरेंद्र जैन बाड़मेर,शुभम,आशी जैन मेरठ,अनिल सजल जैन अलीगढ़, पंकज जैन नोयडा को छत्र चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त किया। तपोस्थली समिति के अध्यक्ष रमेश चंद जैन ने सभी का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में अनेको स्थान के श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
संजय जैन बड़जात्या कामां