#वर्षायोग संतों की साधना के लिए तो उत्तम होता ही है, उसके साथ धर्म गंगा में जो स्नान नहीं कर पाया उससे अभागा कोई नहीं -आचार्य ज्ञानभूषण

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सान्ध्य महालक्ष्मी / 30 जुलाई 2021
चिलचिलाती धूप, उमस,भीषण गर्मी के मध्य एवं युवाओं के भारी उत्साह के बीच भरतपुर जिले के सीकरी कस्बे में परम पूज्य 21वीं सदी के वात्सल्य मूर्ति आचार्य श्री ज्ञान भूषण जी महाराज ससंघ का 29 वां पावन मंगल कलश स्थापना समारोह एवं गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम जैन समाज सीकरी के तत्वावधान में उल्लासपूर्वक सानंद संपन्न हुआ।

ध्वजारोहण कुंती प्रसाद जैन नूह, मंच उद्घाटन मुकेश जैन भट्टा वाले कोसीकला, चित्र अनावरण हजारी लाल जैन, मनीष दीपक जैन शैलू परिवार, दीप प्रज्ज्वलन विजय जैन नोगामा परिवार ने किया। मुख्य मंगल कलश प्रकाश चन्द्र देवेंद्र कुमार जैन को व अन्य कलश रोशन लाल संतोष कुमार व महावीर प्रसाद संतोष कुमार को प्राप्त हुआ।

आचार्य श्री ज्ञान भूषण महाराज ने कहा की सीकरी जैन समाज जहां धार्मिक तो है ही साथ ही गुरु आज्ञा का पालन करने में भी अग्रिम है। उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि अधिक से अधिक युवाओं को धर्म एवं धार्मिक क्रियाओं में भाग लेना चाहिए और समस्त जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेकर धर्म की ध्वजा को आगे बढ़ाना चाहिए, क्योंकि वर्तमान को संभालने के लिए युवा समाज की रीढ़ के रूप में कार्य करता है और यह वर्षायोग संतों की साधना के लिए तो उत्तम होता ही है, उसके साथ-साथ श्रावकों को भी धर्म की प्रभावना करने का पूरा मौका मिलता है। जो इस धर्म गंगा में स्नान नहीं कर पाया, तो उससे अभागा कोई और हो नहीं सकता है। अत: सभी को मिल-जुलकर वर्षायोग में एकजुटता के साथ धार्मिक क्रियाएं और संतों की साधना में साधक बनना है।

क्षुल्लिका ज्ञानगंगा माताजी ने कहा कि वर्षायोग बड़े पुण्य से मिलता है। सन्त तो अपनी साधना कहीं भी कर सकते हैं, किंतु जब समाज के बीच साधना की जाती है, तो समाज भी उतने ही पुण्य की भागीदार होती है।

– संजय जैन बड़जात्या कामां