वात्सल्य वारिधि पंचम पट्टाधिश आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज ससंघ का प्रथमाचार्य चारित्र चक्र वति आचार्य श्री शांति सागर जी की पैतृक जन्म नगरी भोज में मंगल प्रवेश

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चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज की जन्मभूमि कर्मभूमि भोज ग्राम में आध्यात्मिक संत शिरोमणि पंचम पट्टा धीश आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज का तीसरी बार मंगल प्रवेश हुआ
इसके पूर्व 7 मई 1995 को भोज ग्राम में प्रथम बार मंगल प्रवेश आचार्य श्री ने किया तब 16 दिन आचार्य संघ का प्रवास भोज ग्राम में रहा
इसके बाद 2006 के महा मस्तकाभिषेक के लिए आचार्य श्री श्रवण बेलगोला पुनः पधारे
तब 18 जनवरी 2007 को आचार्य श्री वर्धमान सागर जी का भोज ग्राम में दूसरी बार मंगल ससंघ प्रवेश हुआ
आचार्य श्री वर्धमान सागर जी परंपरा के पहले आचार्य पट्टा धीश हैं जिन्होंने भोज ही नहीं वरन कर्नाटक में प्रवेश किया है
इसके पूर्व प्रथम पट्टाचार्य आचार्य वीर सागर जी आचार्य श्री शिव सागर जी आचार्य श्री धर्म सागर जी तथा आचार्य श्री अजीत सागर जी को संघ सहित कर्नाटक आगमन का संयोग नही हुआ
आज 17 मार्च 2021 तीसरी बार जो कि रत्नत्रय का प्रतीक है
भोज ही नही सम्पूर्ण जिले के सैकड़ों नगरो के हज़ारों श्रावको श्राविकाओं ने नगर की गरिमा अनुसार परम्परा के परम्पराचार्य का स्वागत किया
आचार्य श्री संघ के श्री जी एवम आचार्य श्री शांति सागर जी की विशालकाय प्रतिमा के दर्शन पश्चात आचार्य श्री की आरती एवम गुरु भक्ति की गई
राजेश पंचोलिया इंदौर