उत्तम मार्दव :
वस्तु शाश्वत नहीं है और न ही सुख प्रदान करने वाली है।
अत: वस्तु का अहंकार करके गर्व से फूलना नहीं चाहिये ।
उस बलशाली रावण को याद करो कि तीन खण्ड का अधिपति था,
उसने भी अहंकार के कारण अपने ही हाथों से अपना पतन किया
और अपने जीवन को समाप्त किया।