प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ व अन्तिम 24 वें तीर्थंकर श्री महावीर की एक ही पाषाण पर यह संभवतः विश्व की एकमात्र प्रतिमा है जो यह संदेश देती है कि दोनों में जन्मों पुराना एक रिश्ता था। जी हां, प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ जी की गृहस्थ अवस्था के पोते थे मारीचि तो अनेक भव बाद 24 वें तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी बने।
शिखरजी से आई खुशखबरी : मकर संक्रांति मेले का नाम नहीं...
॰ तीर्थक्षेत्र कमेटी की मेहनत रंग लाई
॰ सैर सपाटा के बीच आस्था का बीजारोपण
॰ पहली बार माइक से घोषणायें और पारस टोंक का परिक्रमा...