अतिशय कारी ,चतुर्थ कालीन की प्रतिमा, जिसको चोर छोड़ कर भागे, जिससे छम छम की आवाज आने लगी , जिससे असाध्य रोग स्वतः ही ठीक हो गए

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19 नवंबर 2022/ मंगसिर कृष्ण दशमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
आप विश्वास नहीं करेंगे कि मूर्ति चोर आए और मूर्ति उठाई, पर फिर स्वयं ही मूर्ति छोड़कर उन्हें भागना पड़ा। यही नहीं, कई बार रात्रि के अंतिम पहर में यहां पर छम छम की , नृत्य की आवाज सुनाई पड़ती है। यही नहीं, प्रतिमा को देखने मात्र से आर्यिका श्री के असाध्य शीत और खुजली के रोग स्वतः ही ठीक हो जाते हैं। ऐसी ही धवल पाषाण की, 11 इंच की, मनोज्ञ महान अतिशयकारी, सर्व संकट हारी, 8 वे तीर्थंकर श्री चंद्रप्रभु स्वामी की उस प्रतिमा की, आज आपको जानकारी देते हैं, जिसे चतुर्थ कालीन संवत 135 से प्रतिष्ठित बताया जाता है।

39 वर्ष पूर्व दिनांक 19 सितम्बर 1981 को भगवान श्री चंद्रप्रभ जी की 11 इंच की मनोज्ञ प्रतिमा भूमि से प्राप्त हुई, यह प्रतिमा संवत 135 की बनी हुई है, यह लगभग 1900 वर्ष प्राचीन अतिशयकारी प्रतिमा जी है । आइये अधिक जानते हैं, इस क्षेत्र के बारे में ।।

नाम एवं पता – श्री चन्द्रप्रभ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, मेहंदवास, टौंक राजस्थान

क्षेत्र जयपुर-कोटा हाइवे पर टौंक से 10 km पर हाइवे से मात्र 200 मीटर पर है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 12 पर स्थित है, मार्ग पर भी बोर्ड लगा हुआ है ।

क्षेत्र इतिहास : दिनांक 19.9.1981 को आसोज बदी षष्ठी के दिन जिला टोंक से 11 कि.मी. कोटा मार्ग पर ग्राम में एक खेत में मेढ़ बनाते समय एक युवक दुर्गानाथ के हाथों देवाधिदेव भगवान चन्द्रप्रभु की सफेद पाषाण की प्रतिमा प्रकट हुईं जो कि 11 इंच की है। यह प्रतिमा मनोज्ञ एवं चमत्कारी है।

संभवत: यह प्रतिमा सं. 135 की है। मूर्ति की प्राचीनता एवं मूर्ति के अतिशय से दि. 18.10.1981 को भूमि का पट्टा ग्राम पंचायत द्वारा जारी होने पर एवं अतिरिक्त भूमि अर्द्ध मूल्य में क्रय करने पर मन्दिर निर्माण हुआ। वार्षिकोत्सव प्रतिमा प्रकट होने की तिथि से मनाया जाने लगा है।

दिनांक 20.4.1983 को मंदिर की आधारशिला ब्रह्मचारी बाबा सूरजमल के निर्देशन में रखी गई। भव्य प्रतिष्ठा 22.2.1985 को परमपूज्य आचार्य (तत्कालीन बालाचार्य) 108 श्री योगीन्द्रसागरजी महाराज के सान्निध्य में सम्पन्न हुई।

इस क्षेत्र पर रुकने और भोजन की व्यवस्था भी है।
टेलीफोन – 01432 – 247489, 288606, 09950978740, 07568412109

आवागमन के साधन
बस स्टेण्ड – टोंक नगर – 11 कि.मी.
पहुँचने का सरलतम मार्ग – राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 12 पर टोंक से मेहन्दवास बस सुविधा 24 घंटे उपलब्ध
निकटतम प्रमुख नगर – टोंक -11 कि.मी.

वार्षिक मेला : प्रतिवर्ष आसोज कृष्णा 6 को भरता है। जिसमें भगवान की रथयात्रा, कलशयात्रा, कलशाभिषेक आदि कार्यक्रम भक्तिभाव से होते हैं।