संत शिरोमणि आचार्य भगवन विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से एवं ज्येष्ठ श्रेष्ठ निर्यापक श्रमण श्री समय सागर जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित तेंदूखेड़ा पंचकल्याणक में श्री नीरज जैन (32 वर्ष) – श्रीमती खुशी जैन (31 वर्ष) खेरे वालों को भगवान के माता पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ
आज 07-12-2021 तेंदूखेड़ा पंचकल्याणक के माता-पिता के नाम की घोषणा जैसे ही सामने आईं तो पता चला कि तेंदूखेड़ा में ही जन्मे (श्री नीरज ३२ बर्ष और उनकी अर्धांग्नी – श्रीमति खुशी जैन ३१ बर्ष) जिन्हें यह महासौभाग्य मिला, और उनके चेहरे की सौम्य- मुस्कान से खिल उठे, यह सौभाग्यशाली जोड़ा कोई पचास- साठ साल की उम्र के नही, इन्होंने 1 और 2 बर्ष पूर्व ही मात्र 30 बर्ष की यौवन अवस्था को पार किया था, इस हापाथापी- भाग दौड़ वाली चकाचौध से युक्त वातावरण में खाने -पीने, घूमने मौज मस्ती के दिनों में भी आजीवन ब्रह्मचर्य धारण करके यह नव दम्पति मोक्ष मार्ग प्रशस्त करने की राह पर चल पड़ा है वैसे संयम ग्रहण करने के मार्ग तो अनेक है, लेकिन उत्तम संयमी दम्पति श्रावक बनकर भी मोक्षमार्ग प्रसस्त किया जा सकता है
मैंने बुंदेलखंड़ में अधिकांश पँचकल्याणको में बहनों- बेटियों को देखा है, ब्राम्णी-सुंदरी बनने के लिए उत्साहित रहती है, और जब पूज्य गुरुदेव या उन्ही की छायाप्रति , धरती के सर्व श्रेष्ठ साधु परमेष्ठि, प्रथम निर्यापकश्री समय सागर जी का मंगल सानिध्य हो तो एक-दो नही इनकी संख्या सैकड़ो तक पहुँच जाती है, (कुंडलपुर महोत्सव में इनकी संख्या दो सैकड़ा से भी अधिक होने की सम्भवना है)
लेकिन जब उन्ही भावी भगवान के गृहस्थ जीवन (राजा ऋषभदेव) की संस्कारी, शिक्षित, स्वाभिमान से परिपुर्ण बेटियां बनने जब यह उत्सुकता दिखती है, तो उन्ही त्रिलोकीनाथ, भगवान के बाल्यावस्था के माता-पिता (जगत जननी) माँ बनने औऱ जगतपिता नाभिराय बनने का का महासौभाग्य अद्भुत, अविस्मणीय, अद्वतीय पल मिलने पर कितना सुकून मिलता होगा.. यह तो वही जानते है जिन्हें यह महासौभाग्य प्राप्त हुआ है… ऐसे सभी संयम ग्रहण कर चुके दम्पत्तियों के पुण्य की बहुत बहुत कोटिशः अनुमोदना…
-अक्षय रसिया,मड़ावरा
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