तीर्थों के साथ विद्यालय स्थापित करो, फिर वही वानर सेना सुरक्षा करेगी ॰ तीर्थों के डोक्यूमेंट पूरे रखे जायें ॰ तीर्थों को बचाकर ही संस्कृति बचेगी

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18 दिसंबर 2024/ पौष कृष्ण तृतीया /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के मध्यांचल का शपथ ग्रहण समारोह 24 नवम्बर को श्री आहारजी सिद्धक्षेत्र पर सम्पन्न हुआ। नवनिर्वाचित अंचल कमेटी को मुख्य अतिथि पूर्वजज सुश्री विमला जैन जी ने शपथ दिलाई।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि तीर्थ यानि तारने वाले, उसके लिए सभी को तन-मन-धन के साथ संरक्षण करना है। तीर्थों के कार्यों का सम्पादन पुण्यशालियों को ही मिलता है। पारदर्शी, कर्मठता और संवेदनशीलता से अपना कार्य करें। तीर्थों की बाऊंड्री वॉल आवश्यक है। जो सम्पत्ति तीर्थों के नाम से खरीदी जाये, उसके पूरे डोक्यूमेंट हो। तीर्थों की सम्पत्ति का दानपत्र लिखित हो तथा वह जमीन पहले किसने खरीदी गई, उसके पूरे कागज व जानकारी हो। तीर्थों के ट्रस्ट का पंजीकरण हो। समाज के विश्वास को खंडित करना पाप है।

तीर्थों के जीर्णोद्धार के लिये आर्थिक मांग पर सभा की अध्यक्षता कर रहे भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जम्बू प्रसाद जैन ने कहा कि संवर्धन-संरक्षण के लिये पूरे कागज मिलने पर विचार किया जा सकेगा। आप सब संस्था को मजबूत करें, संस्था पर पैसा होने पर आपको जरूर मिलेगा। आप ज्यादा से ज्यादा जुड़ें। जो गुल्लकों में दान आये, उसमें से कुछ हिस्सा आपको भी मिले, इसका प्रस्ताव मैं कमेटी की मीटिंग में रखूंगा। घर-घर गुल्लक योजना का भी कुछ हिस्सा अंचल को दिया जाये, इसका भी प्रयास करूंगा। शिखरजी केस चल रहा था, जज निर्णय करना चाहते थे, पर श्वेताम्बर मूर्तिपूजक की कल्याणजी आनंद जी पेढ़ी केस को खत्म करना नहीं चाहती थी, उन्होंने ज्यादा समय मांगा, जजों का कार्यकाल खत्म हो रहा था। अब नई कोर्ट में फिर से शुरू होगा। करोड़ों रुपयों का दान यूं ही बर्बाद हो गया। संतवाद-पंथवाद को खत्म करना ही होगा, मंदिरों की चल रही परिपाटी में दखलांदजी नहीं हो। तीर्थों को बचाकर ही अपनी संस्कृति को बचा पायेंगे।

छतरपुर जिला न्यायधीश अरविंद जैन जी ने कहा कि हम तीर्थों के लिए सहयोग की बात करते हैं, पर उसके लिए समाज की सोच में परिवर्तन लाना होगा। उन्हें बताना होगा कि नये मंदिरों के निर्माण से ज्यादा जरूरी पुरानों का संरक्षण है। आज साधु-संत के सामने नई मूर्ति के लिए 11 लाख दे देंगे, पर तीर्थक्षेत्र कमेटी को पुराने तीर्थों के जीर्णोद्धार के लिए 11 हजार भी नहीं देंगे। सोचते हैं उस प्रतिमा के पुण्य का छठा हिस्सा उन्हें मिलेगा, तो यह भी ध्यान रखना, जो उसकी अविनय हो रही है, तो उसके पाप का छठा हिस्सा भी उसको मिलेगा। हजार-हजार प्रतिमायें स्थापित की जा रही हैं। आज विकृति आ गई है। साधु-संतों से भी अनुरोध करना होगा। पुराने तीर्थों की सुरक्षा के लिए योजनायें बनानी होंगी। युवाओं को तैयार करें। तीर्थों के पास विद्यालय स्थापित करें, अगर उस तीर्थ पर कोई असमाजिक तत्व आयेगा, तो वह स्कूली वानर सेना र्इंट का जवाब पत्थर से देकर, खदेड़ देगी। आज केवल मध्यप्रदेश में 65 ज्यूडिशियरी आॅफीसर जैन हैं, जैन संस्कृति के लिये उनकी सेवाओं का उपयोग करें।

मध्यांचल के अध्यक्ष श्री डी के जैन ने कहा कि तीर्थों पर दान पेटी रखी जायें और उस दान का एक हिस्सा उस तीर्थं व अंचल को भी मिले। तीर्थक्षेत्र कमेटी का बोर्ड हर तीर्थ पर लगे, उसका खर्चा अंचल देगा। चातुर्मास के दौरान तीर्थक्षेत्र कमेटी का कलश रखा जाये। प्रशासन में जितने जैन अधिकारी हैं, उन्हें ही रूकावटों को दूर करने का रास्ता निकालना होगा। उद्योगपतियों से सहयोग लेना होगा। हर तीर्थपर 5 किलोवॉट की सोलर बिजली तथा कमर्शियल वाशिंग मशीन की योजना है।

उ.प्र. उत्तराखंड अंचल के अध्यक्ष श्री जवाहर लाल जैन ने इस अवसर पर कहा कि 22 अक्टूबर 2026 से 22 अक्टूबर 2027 तक तीर्थक्षेत्र कमेटी की स्थापना का 125वें वर्ष का महोत्सव पूरे वर्ष मनाने के पीछे यही उद्देश्य है कि कमेटी को हर घर, हर मंदिर तक पहुंचाया जाये और इसे सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत किया जाये। उन्होंने उसके लिये विभिन्न योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।
अंचल के कार्याध्यक्ष संतोष जैन घड़ी ने कहा कि देश के सभी तीर्थों का एक राष्ट्रीय सेमिनार द्रोणगिरि सिद्धक्षेत्र पर रखा जाये, जहां हम सभी तीर्थों को आवश्यक कागजों में कमी को पूरा करने के लिये कुछ विशेषज्ञों के पैनल से वन-टू-वन चर्चा करायेंगे। वे अपने दस्तावेजों की कापी लाकर दिखा सकते हैं। साथ ही हर मंदिर में वहां की आम्नाओं को बोर्ड लगाया जाये।

साथ ही कई अन्यों ने तीर्थक्षेत्र कमेटी को मजबूत करने के विचार रखे। सभा में मध्यांचल कमेटी की पूरी कार्यकारिणी के साथ राष्ट्रीय मंत्री वीरेश सेठ, सुरेश जैन (पूर्व आईएएस), राजकुमार जैन (अंचल महामंत्री), आगम जैन, जिनेश झांझरी, सुरेन्द्र जैन कासलीवाल, अनिल जैन जैनको भी मंच पर उपस्थित थे। गुरुकुल के बच्चों ने मंगलाचरण की नयनाभिराम नृत्य रूप में प्रस्तुति दी।