09 दिसंबर 2023 / मार्गशीर्ष कृष्ण दवादशी/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
दिगंबर जैन समाज की तीर्थ रक्षा में लगी सबसे बड़ी – भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी का भगवान महावीर निर्वाण कल्याणक महोत्सव का शुभकामना कार्ड उस समय तो नहीं, पर तीर्थक्षेत्र कमेटी के चुनावों की घोषणा के बाद जरूर मिला। यह भारत के डाक विभाग की देरी के कारण था या फिर कमेटी द्वारा तीन पेजों में अपनी फोटो छपवाकर चुनावी प्रचार का एक स्वरूप था।
इस बात को कहने का भी एक कारण है, 6 पेज के कार्ड में तीर्थंकर महावीर स्वामी की फोटो छोटी थी और पदाधिकारियों की उससे कहीं बड़ी। और गजब महावीर स्वामी की फोटो छोटी – सी एक ओर राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय महामंत्री की कई जगह, बस आज तीर्थक्षेत्र कमेटी के पास शायद यही सबसे बड़ा काम रह गया है।
वापस शीर्षक पर आते हैं, जैन समाज द्वारा दिये जा रहे करोड़ों के दान का कमेटी कहां उपयोग करती है, इसकी जानकारी इसी कार्ड के अंतिम पृष्ठ से मिलती है। (चित्र पृष्ठ 5 पर देखें) 2021-22 में 96.84 लाख रु. कमेटी ने जीर्णोद्धार हेतु तीर्थक्षेत्रों को दिये तो वहीं 2022-23 में यह राशि बढ़कर 128.67 लाख हो गई। (इसमें से बड़ी राशि तीर्थक्षेत्र कमेटी ट्रस्ट से दी गई) और इस दो वर्षों की राशि से लगभग 3 गुना श्री सम्मेदशिखरजी एवं शिरपुर आदि तीर्थों के कोर्ट केसों पर कमेटी द्वारा खर्च किया। इन अधिकांश केसों में केवल तारीख पर तारीख ही ली गई।
अगर आपस में मिल-बैठकर समझौते कर लिये जायें, तो करोड़ों की राशि को व्यर्थ होने से बचाया जा सकता है। तीर्थक्षेत्र कमेटी में ऐसे पदाधिकारियों की ही आवश्यकता है, जो इस तरह पानी की तरह व्यर्थ बह रही राशि का सही उपयोग कर सके। नहीं तो लोग दान देते रहेंगे और ऐसे नेता उसे वकीलों को बांटते रहेंगे।