1200 हाथ ऊंचे, पांचवें तीर्थंकर श्री सुमतिनाथ जी ने 29 लाख वर्ष पूर्व तथा 12 पूर्वांग राज्य करके एक दिन जाति स्मरण से वैराग्य की भानवा बलवती हो गई और फिर बैसाख शुक्ल नवमी, जो इस वर्ष 21 मई को है, उस दिन अयोध्या के सहेतुक वन में दीक्षा ली।
आपने 20 वर्ष तक तप किया।