24 तीर्थंकर – क्या रहा का वैराग्य का कारण

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हर किसी के जीवन में कुछ ऐसा कारण/ घटना आती है, जिस से वैराग्य की भावना बलवती ही जाती है, आज जानते हैं २४ तीर्थंकरो को किस किस कारण से वैराग्य हुआ

१) श्री ऋषभनाथ जी – नीलांजना की मृत्यु।
२) श्री अजितनाथ जी – बिजली चमकने से।
३) श्री सम्भवनाथ जी – मेघ देखने से।
४) श्री अभिनन्दननाथजी – मेघों का विघटन।
५) श्री सुमतिनाथ जी – जाति स्मरण।
६) श्री पदमप्रभु नाथ जी – जाति स्मरण।
७) श्री सुपार्श्व नाथ जी – जाति स्मरण।
८) श्री चन्द्रप्रभु नाथ जी – दर्पण।
९) श्री पुष्पदन्त नाथ जी – उल्कापात से।
१०) श्री शीतलनाथ जी – हिमनाश से।
११) श्री श्रेयांसनाथ जी – पतझड़ से।
१२) श्री वासुपूज्य नाथ जी – जाति स्मरण।
१३) श्री विमलनाथ जी – ओस विघटन।
१४) श्री अनन्तनाथ जी – उल्कापात से।
१५) श्री धर्मनाथ जी – उल्कापात से।
१६) श्री शांतिनाथ जी – जाति स्मरण(दर्पण)।
१७) श्री कुन्थुनाथ जी – जाति स्मरण।
१८) श्री अरहनाथ जी – मेघ फटने से।
१९) श्री मल्लिनाथ जी – ताड़ित।
२०) श्री मुनिसुव्रतनाथ जी – जाति स्मरण।
२१) श्री नमिनाथ जी – जाति स्मरण।
२२) श्री नेमिनाथ जी – पशुओं का क्रन्दन।
२३) श्री पार्श्वनाथ जी – जाति स्मरण।
२४) श्री महावीर स्वामी जी – जाति स्मरण