आ रहे हैं नौ , दस , ग्यारह मई को वैशाख शुक्ल अष्टमी, नवमी, दशमी, तीन दिन, तीन तीर्थंकर और तीन ही कल्याणक

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8 मई 2022/ बैसाख शुक्ल सप्तमी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/

नौ , दस , ग्यारह मई को आ रहे हैं, लगातार तीन दिन, तीन कल्याणक, 3 तीर्थंकरों के।
9 मई, वैशाख शुक्ल अष्टमी 15वे तीर्थंकर धर्मनाथ जी का गर्भ कल्याणक

सबसे पहले, वैशाख शुक्ल अष्टमी को यानि सोमवार 9 मई को सर्वार्थसिद्धि विमान से आयु पूर्ण कर, रत्नपुरी नगरी में तत्कालीन महाराजा भान राज की महारानी सुब्रता के गर्भ में आते हैं 15 वे तीर्थंकर श्री धर्मनाथ जी का जीव। आपकी आयु 1000000 वर्ष थी। और गर्भ में आने से 6 माह पहले से ही कुबेर ने सौधर्म इंद्र की आज्ञा से, दिन को तीनों पहर, महल पर साढ़े तीन करोड़ रत्नों की वर्षा शुरू कर दी थी।

10 मई, पांचवे तीर्थंकर श्री सुमति नाथ जी का तप कल्याणक

केवल 4 तीर्थंकर ही हैं जिनके जन्म और तप कल्याणक अलग-अलग दिन होते हैं । संभव नाथ जी, सुमति नाथ जी , अरनाथ जी और महावीर स्वामी । इनमें पांच वे तीर्थंकर, श्री सुमतिनाथ जी का तप कल्याणक आ रहा है, वैशाख शुक्ल नवमी यानी 10 मई को। जाति स्मरण से आपकी वैराग्य भावना बलवती हुई और फिर अयोध्या नगरी के सहेतुक वन में, पूर्वाहन काल में , आप 1000 राजाओं के साथ तप को चल दिए। पंचमुष्टि केशलोंच के बाद , आपने 20 वर्षों का कठोर तप किया।

11 मई वैशाख शुक्ल दशमी, 24वे तीर्थंकर महावीर स्वामी का ज्ञान कल्याणक

हां , बुधवार को आ रहा है लगातार तीन कल्याणकों की कड़ी में, हमारे 24 वे तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी का ज्ञान कल्याणक दिवस। 12 वर्ष के कठोर तप के बाद, वैशाख शुक्ल दशमी को रिजुकुला नदी के किनारे, शाल वृक्ष के नीचे, केवल ज्ञान की प्राप्ति होती है , और फिर कुबेर 12 किलोमीटर विस्तार के समोशरण की रचना करता है । पर 66 दिन तक उनकी वाणी नहीं खिरती। आपका केवलीकाल 30 वर्ष का था और आप के प्रमुख गणधर, गौतम स्वामी के साथ, कुल 11 गणधर थे ।

बोलिए 15 तीर्थंकर श्री धर्म नाथ जी के गर्भ कल्याणक , 5 वे तीर्थंकर श्री सुमति नाथ जी के तप कल्याणक और 24 वे तीर्थंकर महावीर स्वामी के ज्ञान कल्याणक की जय जय जय।