श्वेताम्बर कमेटी नहीं चाहती शिखरजी विवाद खत्म हो और साथ ही संतवाद-पंथवाद खत्म हो!-आज सिर कटाने नहीं, गिनाने की जरूरत है

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27 नवंबर 2024/ मंगसिर कृष्ण त्रयोदशी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
संतवाद – पंथवाद ऐसा बीज है, जिसे अब निकालना बहुत जरूरी हो गया है और साधुओं और श्रावकों दोनों को मिलकर निकालना होगा। इसे भुलाकर ही संस्कृति बचेगी। आज इच्छाशक्ति और प्रचार-प्रसार से ही संस्था चल सकती है, यह कहा भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू जम्बू प्रसाद जैन ने। अवसर था 17 नवंबर 2024 को पुंड्डुचेरी में विजयमति मण्डप में 5 राज्यों के दक्षिण जोन अंचल की बैठक का और शपथ समारोह का।

आनंद जी कल्याण जी ट्रस्ट नहीं चाहता शिखरजी विवाद खत्म हो
श्री जम्बू प्रसाद जी ने बताया कि 40 साल बाद सुप्रीम कोर्ट डबल बेंच के सामने अभी हाल में सुप्रीम कोर्ट में डेढ़ माह चली शिखरजी विवाद सुनवाई की जानकारी देते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि 40 साल बाद सुप्रीम कोर्ट डबल बेंच के सामने केस आया। नौ दिन सुनवाई हुई, जिसमें से साढ़े आठ दिन कल्याणजी पेढ़ी ने ही समय ले लिया। जज महोदय ने कहा भी, हमारे पास ज्यादा समय नहीं है, जल्दी सुनवाई खत्म कर लें, पर वो नहीं माने और फिर केस वापस चीफ जस्टिस को भेज दिया गया। जहां से चले थे, वहीं लौट आये, अब तीन जज की बेंच फिर से सुनेगी। यह समाज के करोड़ों रुपये का अपव्यय हो रहा है। समन्वय के लिए हम तैयार हैं, पर शायद वो नहीं चाहते। हमारा समाज बंटा है, पैसा बंटा है, उनका एक है और एक होकर ही कुछ कर पाएंगे। संस्कृति बचाने पर ही जैन धर्म बचेगा।

सभी को जुड़कर शतकोत्तर रजत वर्ष के बहाने संस्कृति बचाने में पहल
इस अवसर पर 125 स्थापना वर्ष समिति के अध्यक्ष श्री जवाहर लाल जैन ने कहा कि हम लोग अपनी सिल्वर – गोल्डन – डायमण्ड जुबली मनाते हैं, उसी तरह अब तीर्थक्षेत्र कमेटी अपने 125 वर्ष पूरे होने पर शतकोत्तर रजत स्थापना वर्ष मनायेगी। बिना टूटे अनवरत 125 साल चलना भी बड़ी उपलब्धि है। तीर्थों की सुरक्षा कोई और नहीं, हम सबको मिलकर करनी होगी। साधु वर्ग, विद्वत वर्ग, पत्रकार, महिलायें, युवा, व्यापारी, कारोबारी, नौकरीपेशा – हर को योगदान देना होगा। लगभग 12500 दिगम्बर जैन मंदिर हैं, सबको जुड़ना होगा। डेढ़ माह शिखरजी का केस चला। आज जम्बू प्रसाद जी अध्यक्ष के कंधे मजबूत करने की, हम सबकी जिम्मेदारी है। 125 वर्ष मनाने के बहाने, हमको अपनी संस्कृति बचाने का अवसर मिला है।

आज सिर कटाने नहीं, गिनाने की जरूरत है
अजमेर के भाजपा जिला प्रमुख पुखरा जी पहाड़िया ने कहा कि सरकारी आंकड़ों में हमारी गिनती कम है। आज सिर कटाने से ज्यादा सिर गिनाने की जरूरत है। राजनीति में वजूद कायम करना होगा। अपनी एकता दिखानी होगी। राजनीतिक संरक्षण भी जरूरी है।

साधु ना करें मान्यताओं में परिवर्तन
खंडेलवाल दि. जैन मंदिर के अध्यक्ष सोहनलाल कासलीवाल जी ने कहा कि एकता के लिये पंथवाद खत्म करना होगा। मान्यताओं में परिवर्तन ना हो। कोई साधु आकर मंदिर परम्परा में परिवर्तन न करे। विवादों को दूर करने के लिए एक स्थायी कमेटी बने। जनगणना में धर्म के कॉलम में जैन लिखें।

शिखरजी – श्रवणबेलगोल की सीढ़ियों से लेकर प्राकृत शास्त्रीय भाषा तक
चैनल महालक्ष्मी द्वारा इस अवसर पर 125वें स्थापना वर्ष महोत्सव की जानकारी देते हुए बताया कि 22 अक्टूबर 2026 को महोत्सव वर्ष की शुरूआत मथुरा चौरासी से होगी, जहां 1902 में महासभा की माटिंग में तीर्थक्षेत्र कमेटी की स्थापना हुई और फिर पूरे वर्ष चलने वाले कार्यक्रमों के बाद समापन श्री सम्मेदशिखरजी में 22 अक्टूबर 2027 को होगा।
श्रवणबेलगोल और सम्मेदशिखरजी की सीढ़ियों के निर्माण से शुरू करते, तीर्थों के 18 मुकदमों को लड़ते, 350 से ज्यादा तीर्थों के संरक्षण कार्य के साथ इसी 27 सितम्बर को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के साथ जैन समाज की पहली बैठक में आयोजित कर प्राकृत को सरकारी मान्यता की आवाज उठाई, जिसमें केन्द्रीय राज्यमंत्री जार्ज कुरियन भी उपस्थित थे, और फिर 03 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्राकृत को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की घोषणा कर दी।

दक्षिण अंचल के प्रवक्ता सुनील काला ने कहा कि हर परिवार को हजार-हजार रुपये का सहयोग कर तीर्थक्षेत्र कमेटी को मजबूत करना होगा। वहीं अंचल अध्यक्ष संजय ठोलिया ने विभिन्न मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिये हर संभव सहयोग की अपील की।

तीर्थक्षेत्र कमेटी ने दिया सहयोग
दक्षिण अंचल के माध्यम से तीर्थक्षेत्र कमेटी ने अहिंसा वॉक के सचिव धनंजय जी को तीर्थों के संरक्षण के लिये, गुडलूर जैन मंदिर को रंग-रोगन आदि के लिये तथा वेल्लूर के पास अंगमपाकम में खेत से मिली स्कूल में रखी महावीर मूर्ति के लिये मंदिर बनाने के लिये, पूर्व एसीपी राजेन्द्र प्रसाद जी को सहयोग राशि दी। इस अवसर पर मदनलाल धर्मचंद प्रकाश चंद मनोज अशोक गंगवाल परिवार द्वारा 7 मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिये सहयोग देने की स्वीकृति दी गई।

पाठशाला संचालिका संगीता पाटनी के द्वारा पाठशाला के बच्चों से सुंदर नाटिका प्रस्तुत की गई, उन्होंने कहा कि महिलाओं द्वारा ग्रुप बनाकर सहयोग करें।
इस अवसर पर भट्टारक लक्ष्मी सेन जी ने भी उपस्थित रहकर सबको आशीर्वाद दिया। वहीं अंचल के परम संरक्षक एम.के. जैन, संरक्षक हुकुमचंद ठोलिया, राजेन्द्र प्रसाद, उपाध्यक्ष जीवगन, मेगला जैन, कोषाध्यक्ष नरेश पाटनी के साथ महेन्द्र धागड़ा, सरोज बाकलीवाल, घनश्याम बाकलीवाल आदि अनेक श्रेष्ठी उपस्थित थे।

( इस पर पूरी जानकारी चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नं. 3002 में देख सकते हैं।)