जयपुर की धरा पर पहली बार जहाजपुर स्वस्तिधाम प्रणेत्री भारत गौरव गणिनी आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी- तीन संघों का श्योपुर जैन मंदिर में हुआ भव्य मिलन

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जैन धर्म में वात्सल्य अंग का बडा महत्व होता है। प्रत्येक प्राणी के प्रति स्नेह, वात्सल्य रखना मानव का धर्म है।

जब संतों में वात्सल्य होता है तो आपस में मिलने के लिए इच्छा जागृत होती है ये विचार गणिनी आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी ने शुक्रवार को चित्रकूट कालोनी में आयोजित धर्म सभा में व्यक्त किए। इस मौके पर गणिनी आर्यिका गुरुमा भरतेश्वर मती माताजी ने प्रवचन देते हुए कहा कि धर्म की जड़ सदा हरी रहती है। संतो के मिलन का पूरे समाज वासियों पर अच्छा प्रभाव पडता है। इससे पूर्व टौक रोड पर पिंजरापोल गौशाला के पास गणिनी आर्यिका स्वस्ति भूषण, गणिनी आर्यिका भरतेश्वरमती एवं कमलश्री माताजी ससंघ सहित तीनों
संघों का भव्य मिलन हुआ। इस मौके पर आसपास का क्षेत्र जयकारों से गुंजायमान हो उठा।

समिति के मुख्य समन्वयक कमल बाबू जैन एवं मुख्य संयोजक प्रदीप जैन ने बताया कि माताजी ससंघ का एस एफ एस जैन मंदिर, थड़ी मार्केट अग्रवाल फार्म दिगम्बर जैन मंदिर, वरुण पथ मंदिर, मंगल विहार, त्रिवेणी नगर, शांति नगर, गायत्रीनगर, दुर्गापुरा, कीर्ति नगर, मधुवन टौकफाटक जैन मंदिर होते हुए रविवार 6 मार्च को विशाल जुलूस के साथ नारायण सिंह सर्किल स्थित भट्टारक जी की नसिया में भव्य मंगल प्रवेश होगा जहां 10 मार्च से 18 मार्च तक अष्टानिका महापर्व के मौके पर श्री सिद्ध चक्र महामण्ड़ल विधान पूजा एवं विश्व शांति महायज्ञ का भव्य आयोजन होगा ।

विनोद जैन कोटखावदा ,महामंत्री
श्री स्वस्ति भूषण माताजी जयपुर प्रवास व्यवस्था समिति जयपुर
93142 78866