पशुओं के समान जीवन से बचने के लिए तीन चीजों का ध्यान रखना आवश्यक है-सेहत, संपत्ति और संबंध: गणिनी आर्यिका सुप्रकाशमति माताजी

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बांसवाड़ा गणिनी आर्यिका 105  सुप्रकाश मति माताजी ने  मंगलवार को मोहन कॉलोनी में अपने प्रवचन में बताया कि बिना लक्ष्य का जीवन पशु समान होता है। जिसका जीवन पशुओं के समान होता है, उससे बचने के लिए तीन चीजों का ध्यान रखना आवश्यक है। सेहत, संपत्ति और संबंध। सुप्रकाशमति माताजी ने कहा कि सेहत यानी स्वास्थ्य, इस संसार की जीवन में शरीर के माध्यम से ही धर्म होता है, इसलिए मनुष्य को खाने-पीने का ध्यान रखना चाहिए। क्या खाना है, कब खाना है, कैसे खाना और कहां खाना है। किसी भी प्रकार से शरीर से श्रम करना चाहिए, तभी हमारी सेहत अच्छी रहेगी। अखिल भारतीय सुप्रकाश ज्योति मंच के प्रवक्ता महेंद्र कवालिया ने बताया कि गुरु मां के सानिध्य में भक्तामर दीपोत्सव किया एवं ऋषिमंडल विधान हुआ। आरती, गुरु वंदना, भक्ति आदि द्वारा भगवान आदिनाथ की आराधना की। इसके बाद शाम को माताजी बाहुबली कॉलोनी के लिए विहार किया। माताजी की अगवानी के लिए महिलाओं द्वारा कलश लेकर बैंडबाजे एवं समाज के अध्यक्ष महेंद्र वोहरा, राजेंद्र वोहरा, महिपाल शाह, नरेंद्र चित्तौड़ा आदि अनेक महिलाएं एवं सुमतिनाथ नवयुग मंडल की ओर से भव्य आगवानी की।

संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी