22 जून 2022/ आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
ठंडी हवा है, बादल आसमान में छाये है, पद विहारी संत, बिहारी कॉलनी में आये है।
जन-जन को कल्याण का मार्ग बताने वाले पूज्य आचार्य भगवन श्री सुनीलसागर गुररुदेव विवेक विहार से विहार कर बिहारी कॉलोनी में पधारें। बिहारी कॉलनी के भावक गुरुदेव के आगमन के लिए कई दिनों से पलक पावडे विलाय इंतजार कर रहे थे। आज उनकी आनंद की सीमा न रही। घर घर सजाये गये तोरण द्वार, रंगोली’ से नगर सजाया गया। बैण्ड-बाजा एवं जयघोष के बाद से सम्पूर्ण कॉलनी गुंज उठी।
आगमन के बाद जिनालय में मंगल जिनाभिषेक संपन्न हुआ और धर्मसभा का आयोजन किया गया। धर्मसभा के प्रारंभ में सुप्रसिद्ध प्रतिष्ठाचार्य श्री टीकमचंद जैन मे मंगलाचरण एवं गुरु चरणों में अपनी विनयांजलि समर्पित की। पूज्य आचार्य भगवन ने अपने उद्बोधन में कहा-
सदाचार शाकाहारमय जीवन ही कल्याणकारी है। महावीर और राम के जीवन से शिक्षा भगवान मिलती है। मर्यादा रखना और शांति रखना। दर्शन ज्ञान स्वभाव जिसने, सब विकार ही वमन किये। परम ध्यान गोचर परमातम, परम देव मम हृदय रहे ।
जो दर्शन ज्ञान स्वभाव को प्राप्त हो चुके है। संसार भोग से परे है। पत्नी-बच्चोसे दूर है। विकारों को जीत लिया है। जो अपने आप से उत्पन्न हुये है। सारे लोक के ज्ञाता है। देखल जगत् को देखने वाले है। जीवन में कोई विकार नही। ना किसी से रुष्ठ होते है और नाही प्रसन्न। जो परमात्म संज्ञा को प्राप्त, देवों के देव महादेव है।